रेरा अब कब्जा के साथ साथ रजिस्ट्री भी करवाएगा, बिल्डरों की मुश्किलें बढ़ीं

रेरा अब कब्जा के साथ साथ रजिस्ट्री भी करवाएगा, बिल्डरों की मुश्किलें बढ़ीं

उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है, जिसके तहत रेरा अब केवल कब्जा दिलाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में भी भूमिका निभाएगा। इस नए आदेश से उन बिल्डरों को कड़ा संदेश गया है जो अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रहे थे।

रेरा को 2023 में सिविल कोर्ट की शक्तियाँ प्राप्त हुई थीं, और अब रेरा ने पहली बार इन शक्तियों का प्रयोग किया है। भगौड़े बिल्डर दीपक मित्तल की पुष्पांजलि इंफ्राटेक कंपनी की आवासीय परियोजना “एमिनेंट हाइट्स” के मामले में रेरा ने सिविल कोर्ट की भांति कार्रवाई करते हुए फ्लैट बुक करने वाले अधिकारियों को न सिर्फ कब्जा दिलाया, बल्कि अब रजिस्ट्री भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

भगोड़े बिल्डर पर सख्त कार्रवाई

ग्रुप कैप्टन नितिन नेगी, ब्रिगेडियर नितिन नेगी और ब्रिगेडियर अखोरी अनिल शेखर सिन्हा (रिटा.) ने “एमिनेंट हाइट्स” में फ्लैट बुक कराया था, लेकिन बिल्डर दीपक मित्तल ने न तो रजिस्ट्री की और न ही कब्जा दिलाया। इसके बाद मित्तल और उसकी पत्नी अन्य परियोजनाओं के खरीदारों से करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गए।

रेरा में शिकायत दर्ज कराने पर रेरा सदस्य नरेश सी मठपाल ने तीनों अधिकारियों को फ्लैट पर कब्जा दिलाया और रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।

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रजिस्ट्री प्रक्रिया के लिए कदम

रेरा ने अपने आदेश में कहा कि फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री कराने के लिए अब सक्षम अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। सभी संबंधित पक्षों को रजिस्ट्री का ड्राफ्ट भेजा जाएगा और किसी भी आपत्ति को रेरा के पास प्रस्तुत किया जा सकेगा। रेरा ने स्पष्ट किया है कि आपत्तियों को स्वीकार या खारिज करने का अंतिम अधिकार रेरा के पास रहेगा।

इस आदेश के बाद रेरा ने नाफरमानी करने वाले बिल्डरों को सख्त संदेश दे दिया है और इस कदम से भविष्य में अन्य मामलों के लिए भी यह आदेश नजीर बन सकता है।

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