ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के चार स्टेशनों के लिए अगस्त में शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया

उत्तराखंड की सामरिक दृष्टि से अहम ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। अब इस परियोजना के चार प्रमुख स्टेशनों — देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर — के निर्माण के लिए अगस्त 2025 में टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
126 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन की कुल लागत ₹16,216 करोड़ आंकी गई है और अब तक सुरंग निर्माण का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। परियोजना के अंतर्गत कुल 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन पहले ही बनकर तैयार हैं और ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है।
जून 2025 में शिवपुरी और व्यासी स्टेशनों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी और इन दोनों स्टेशनों पर काम जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में शुरू हो जाएगा। इन पर करीब ₹52 करोड़ खर्च होंगे और निर्माण कार्य को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
अब अगस्त में प्रस्तावित टेंडर प्रक्रिया के तहत देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर के लिए एक संयुक्त टेंडर निकाला जाएगा। इसके बाद धारी देवी, तिलनी, घोलतीर और गौचर स्टेशनों के लिए दूसरा टेंडर और कर्णप्रयाग के लिए एक अलग टेंडर निकाला जाएगा। इन नौ स्टेशनों के निर्माण पर लगभग ₹500 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
आइये जानें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के बारे में :
- कुल लंबाई: 126 किमी
- कुल स्टेशन: 13
- कुल सुरंगें: 17 (जिसमें 105 किमी लाइन सुरंगों से होकर गुजरेगी)
- सबसे लंबी सुरंग: 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
- सबसे छोटी सुरंग: 200 मीटर (सेवई से कर्णप्रयाग के बीच)
- छह किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली सुरंगें: 11
रेल विकास निगम लिमिटेड के उप महाप्रबंधक (सिविल) ओपी मालगुड़ी के अनुसार, शिवपुरी और व्यासी स्टेशनों के निर्माण को लेकर निर्माण कंपनी के साथ अंतिम बैठक जल्द आयोजित की जाएगी। वहीं अगस्त में देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर स्टेशनों के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा।