ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की ऐतिहासिक सुरंग सफलता, गूलर-व्यासी सेक्शन में आखिरी टनल भी पार

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की ऐतिहासिक सुरंग सफलता, गूलर-व्यासी सेक्शन में आखिरी टनल भी पार

उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना ने शुक्रवार को एक बड़ा पड़ाव पार कर लिया। गूलर से व्यासी के बीच 6.6 किमी लंबी अंतिम सुरंग का ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। इससे पहले शिवपुरी से गूलर के बीच पहली सुरंग का कार्य पूरा हो चुका है। अब इस सेक्शन में टनलिंग का काम आरपार हो गया है, जो उत्तराखंड के रेल नक्शे पर एक मील का पत्थर साबित होगा।

लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के निर्देशन में बनाई गई इस सुरंग को न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड और रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों से अंजाम दिया गया। परियोजना प्रबंधक रविकांत के अनुसार, इस टनल के निर्माण में कई गंभीर चुनौतियाँ सामने आईं—जैसे कठोर चट्टानों की खुदाई, भूमिगत जल का रिसाव और मौसम की प्रतिकूलता—लेकिन इंजीनियरों और श्रमिकों की एकजुट मेहनत ने इन्हें मात दे दी।

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इस ब्रेकथ्रू को न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जा रहा है, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों के लिए सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने वाला कदम भी है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने, यात्रा समय घटाने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने में यह परियोजना बेहद अहम मानी जा रही है।

Saurabh Negi

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