ऋषिकेश में अंडरग्राउंड बिजली लाइन प्रोजेक्ट को 547 करोड़ की मंजूरी

ऋषिकेश — गंगानगरी ऋषिकेश में प्रमुख बाजारों और मार्गों पर ओवरहेड बिजली तारों का जाल हटाकर उन्हें भूमिगत किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 547.83 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।
यह परियोजना ऋषिकेश कुंभ क्षेत्र (गंगा कॉरिडोर) में विद्युत लाइनों के भूमिगतीकरण और ऋषिकेश, हरिद्वार तथा देहरादून में विद्युत प्रणाली को स्वचालित (स्काडा) करने की प्रस्तावित डीपीआर के अंतर्गत है। परियोजना पूरी होने पर शहर के भीड़-भाड़ वाले बाजारों और मार्गों से बिजली के खतरनाक और अव्यवस्थित तार हट जाएंगे, जिससे आवाजाही आसान होगी और शहर का सौंदर्य भी बढ़ेगा।
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अंडरग्राउंड केबलिंग से विद्युत आपूर्ति अधिक स्थिर और सुरक्षित होगी। आपदा या प्रतिकूल मौसम के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित होने की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही, रखरखाव की लागत घटेगी और दीर्घकालिक बिजली व्यवस्था बेहतर होगी। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि इस परियोजना से न केवल सुविधाओं में सुधार होगा बल्कि ऋषिकेश की पर्यटन छवि भी और आकर्षक बनेगी।
लेकिन हमेशा की तरह सवाल वही कि योजना और परियोजना तो बन जाती है लेकिन उसका धरातल पर उतरना, एक अलग कहानी होती है। अब देखना यह है कि सरकार इस काम को अमलीजामा कब तक पहनाती है।