पिथौरागढ़-चंपावत में पहाड़ी से मलबा आने से सड़कें बंद, घरों में घुसा पानी

पिथौरागढ़-चंपावत में पहाड़ी से मलबा आने से सड़कें बंद, घरों में घुसा पानी

चंपावत जिले में चार जुलाई से हो रही बारिश थम नहीं रही है। सोमवार को लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश जारी रही है। बीते 24 घंटे में चंपावत की बारिश का आकड़ा 200 पार हो गया, वहीं जिले के मैदानी क्षेत्र बनबसा में सर्वाधिक 431 एमएम बारिश हुई। मूसलाधार बारिश ने व्यवस्थाओं को छिन्न-भिन्न कर दिया है। चंपावत जिले का सड़क संपर्क तकरीबन कट गया है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग करीब एक घंटा खुलने के बाद सात जुलाई शाम सात बजे से बंद है। इसके अलावा जिले की 39अन्य सड़कें बंद हैं। भारी बारिश से जिले की अधिकांश सड़कों में आवाजाही बेहद जोखिम भरी बनी हुई है। डीएम नवनीत पांडे और एसपी अजय गणपति ने बताया कि सड़क खोलने से लेकर राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने और जब बेहद जरूरी हो, तभी घरों से बाहर निकलने की अपील की है।

कहां कितनी हुई बरसात        
चंपावत- 224 मिमी
लोहाघाट-38.50 मिमी
पाटी-56 मिमी
टनकपुर-209.60 मिमी
बनबसा- 431 मिमी/

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रात्रि दो बजे नदी का जलस्तर पहुंचा 405176 क्यूसेक
बनबसा में पिछले तीन दिनों से शारदा नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से अधिक पहुंचा है। यहां रविवार रात दो बजे शारदा नदी का जलस्तर 4,05,174 क्यूसेक पहुंच गया था। इससे शारदा हेडवर्क्स प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। एसडीओ प्रशांत कुमार वर्मा अपनी टीम के साथ जलस्तर पर नजर रखे हुए थे। शारदा बैराज पुलिस कर्मी भी निगरानी कर रहे थे।

शारदा बैराज में सोमवार को जलस्तर

समय             जलस्तर क्यूसेक में

  • तड़के चार बजे    364646
  • पांच बजे             338184
  • छह बजे             288002
  • सात बजे             275792
  • आठ बजे             255380
  • नौ बजे             244700
  • दस बजे             237378
  • 11 बजे             239330
  • 12 बजे             234900
  • एक बजे             225960
  • दो बजे             196876
  • तीन बजे             196876

पूर्णागिरि मार्ग पर आया मलबा, मार्ग बंद
टनकपुर में मूसलाधार बारिश में मां पूर्णागिरि धाम में पैदल मार्ग और पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ में भारी मलबा आ गया। ठूलीगाड़ से पहले किमी 11 से 13 किमी तक कई जगह मलबा आ गया। लोनिवि एई लक्ष्मण सिंह सामंत ने बताया कि बरसात का क्रम रुकने पर बाटनागाड़ में मंगलवार दोपहर तक मार्ग खोल दिया जाएगा। कहा कि पैदल मार्ग पर भी मलबा आया है मौसम खुलने पर उसे हटा दिया जाएगा। इस बीच भारी बरसात में पूर्णागिरि मार्ग में किरौड़ा नाला भी उफान पर रहा। इससे रात भर टनकपुर से बूम तक भी आवाजाही प्रभावित रही।

शारदा बैराज पर वाहनों का आवागमन तीन दिनों से ठप
शारदा नदी का जलस्तर बढ़े होने से पिछले तीन दिनों से बनबसा बैराज पर से वाहनों का संचालन ठप है। नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से कम होने के बाद ही बैराज पर से वाहनों का संचालन शुरू हो सकेगा।

शारदा हेडवर्क्स के एसडीओ प्रशांत कुमार वर्मा ने बताया कि निर्माण के करीब साढ़े नौ दशक पूरे कर चुके बैराज पर सुरक्षा के तहत एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी प्रवाहित होने पर वाहनों का आवागमन रोका जाता है। उन्होंने बताया कि बैराज की जल प्रवाह सहन क्षमता छह लाख क्यूसेक है। उधर बैराज से वाहनों का संचालन बंद होने से भारत नेपाल के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैराजसे वाहन नहीं चल पाने से भारत नेपाल के बीच व्यापारिक गतिविधियां भी ठप हैं। मजदूर वर्ग की रोजी रोटी प्रभावित है। नेपाली ग्राहकों के भारत नहीं आ पाने से बनबसा का व्यापार भी प्रभावित है।

बनबसा में एक दिन में हुई 760 एमएम रिकार्ड वर्षा
रविवार को बनबसा में अब तक के इतिहस में एक दिन में (चैबीस घंटों में) सर्वाधिक वर्षा रिकार्ड की गई। रविवार को बनबसा में 760 एमएम वर्षा हुई है। पिछले चार दिनों में क्षेत्र में 893 मि.मी. बारिश हो चुकी है। इससे पूर्व यहां एक दिन में 300 से 350 एमएम वर्षा हुई है। मानसून काल 1 जून से 15 अक्टूबर तक अब तक वर्ष 2003 में 2423 एमएम वर्षा हुई है। यूपी सिंचाई विभाग के बनबसा स्थित शारदा हेडवर्क्स के एसडीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि एक दिन में 760 एमएम वर्षा का यह अब तक का सर्वाधिक रिकार्ड है।

भारी बारिश से धौन बजौन सड़क का पांच मीटर हिस्सा ध्वस्त
चंपावत जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर धौन से बजौन को जाने वाली सड़क मूसलाधार बारिश के बाद ध्वस्त होने से क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह से मुख्यालय और राज्य से कट गया है। जिले में पांच दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। बारिश से धौन-बजौन सड़क का पांच मीटर हिस्सा पूरा तरह ध्वस्त हो गया। सड़क बंद होने से क्षेत्र के बजौन, घांघल, इजरा, छिनाड़ सहित करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों का संपर्क कट गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द सड़क बनाने की मांग उठाई है। भारी बारिश से सड़क का हिस्सा टूटने से आवागमन ठप हो गया है।

टनकपुर तक आठ ट्रेनों का संचालन भी अग्रिम आदेश तक ठप
टनकपुर में भारी मानसूनी बरसात के बीच टनकपुर-खटीमा के बीच रेलवे लाइन में पानी भरने आदि के चलते रेलवे की ओर से अग्रिम आदेश तक रेल संचालन भी बंद कर दिया है। रविवार की देर शाम सात बजे के बाद से संचालन ठप रहा। स्टेशन अधीक्षक केडी कापड़ी ने बताया कि खटीमा के पास लाइन में पानी आने आदि के चलते अग्रिम आदेश तक रेल संचालन टनकपुर तक बंद किया गया है। इससे एक्सप्रेस ट्रेन दोराई्, त्रिवेणी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस के साथ ही बरेली, पीलीभीत की 8 ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। इससे बरसात के बीच यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

घरों में पानी भरने से ग्रामीणों ने ली छतों में शरण
बनबसा में पिछले तीन दिनों से कहर बन कर आई वर्षा। जिससे बनबसा की आठों ग्रामसभओं बनबसा, फागपुर, चंदनी, भजनपुर, बमनपुरी, पचपकरिया, गुदमी, देवीपुरा में जलभराव और बाढ़ के हालात पैदा हो गए। खेतों में फसल जलमग्न हो गई। कई घरों में बरसाती पानी पहुंचने से अनाज और घरेलू सामान नष्ट हो गया। करीब डेढ़ सौ लोगों को रैस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

बनबसा में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से आम जीवन अस्त व्यस्त हो गया। क्षेत्र में जलभराव और बाढ़ के हालात पैदा हो गए। सबसे अधिक देवीपुरा, पचपकरिया, चंदनी, भजनपुर गांव प्रभावित हुए। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और बनबसा स्थित 26 राजपूत रेजीमेंट के जवानों ने लोगों को रैस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बीती रात्रि बाढ़ में फंसे करीब 35 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अब तक लगभग 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बीती रात्रि कई ग्रामीण वर्षा के बीच जान बचाने के छतों फसें रहे। उधर कई ग्रामीणों के मवेशियों का पता नहीं है। थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जगवाण ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों को थाना, होटलों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन उनके खाने पीने की व्यवस्था कर रहा है।

नेपाल में मलबे की चपेट में आने से एक की मौत
भारतीय सीमा से लगे डडेलधूरा में भारी बारिश में पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बैतड़ी जिले के नजदीक डडेलधूरा के परशुराम नगरपालिका तीन बुड़ागांव के 56 वर्षीय नवराज पनेरू पहाड़ी से आए मलबे की चपेट में आ गए। वह गांव में आ रहे पेयजल के उदगम स्थल में भरे हुए मलबे को साफ करने गए हुए थे। पेयजल के मुहाने से भारी बारिश के मलबे को साफ करते वक्त पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पहाड़ी से आया मलबा – फोटो : अमर उजाला
भारी बारिश से पाड़ासोंसेरा में आवासीय भवन ध्वस्त
लोहाघाट विकासखंड बाराकोट में भारी बारिश के चलते पाड़ासौंसेरा में एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया। परिवार के लोगों के बाहर होने के चलते जनहानि होने से बच गई। पीड़ित परिवार ने पड़ोसियों के यहां शरण ली। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग उठाई।

रविवार दोपहर में पाड़ासौंसेरा गांव में भारी बारिश के कारण बसंत सिंह पुत्र नारायण का आवासीय भवन भर-भराकर गिर गया, इससे भवन के अंदर रखा सारा सामान भी मलबे में दबकर नष्ट हो गया है। बसंत सिंह ने बताया कि भवन ध्वस्त होते समय बच्चे निमत्रंण में गए थे और पत्नी घास काटने के लिए और वह जानवरों को लेकर जंगल गए थे। उन्होंने बताया कि भवन ध्वस्त होने से उनका लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। पीडि़त परिवार ने पड़ोसियों के यहां शरण ली है। लोगों ने भवन गिरने की सूचना राजस्व उपनिरीक्षक को दे दी। गांव के प्रहलाद सिंह अधिकारी, कृष्णा अधिकारी, उमेश सिंह अधिकारी, नारायण सिंह अधिकारी, दिनेश नाथ गोस्वामी आदि ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग उठाई।

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