उत्तराखंड में पहली बार महंत इन्दिरेश अस्पताल में सफल रोटारेक्स मेकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी, मरीज को मिली नई जिंदगी

उत्तराखंड में पहली बार महंत इन्दिरेश अस्पताल में सफल रोटारेक्स मेकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी, मरीज को मिली नई जिंदगी

देहरादून |-  श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने उत्तराखंड की चिकित्सा सेवाओं में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग द्वारा मार्च 2025 में राज्य की पहली रोटारेक्स मेकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। इस जटिल तकनीक के माध्यम से एक गंभीर परिधीय धमनी रोग (Peripheral Arterial Disease) से पीड़ित मरीज की अवरुद्ध धमनी को खोला गया, जिससे मरीज को क्रिटिकल लिम्ब इस्कीमिया (Critical Limb Ischemia) से बचा लिया गया।

इस प्रक्रिया को अस्पताल की अत्याधुनिक कैथ लैब में डॉ. प्रशांत सरड़ा (प्रमुख एवं कंसल्टेंट इंचार्ज), डॉ. रोहित शर्मा और डॉ. सन्नी मिश्रा की विशेषज्ञ टीम ने अंजाम दिया। चिकित्सा टीम को तकनीशियनों और नर्सिंग स्टाफ का भी भरपूर सहयोग मिला। मरीज की जान बचाने वाली इस प्रक्रिया के बाद अस्पताल में कई और थ्रॉम्बेक्टॉमी केस सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं, जिनमें बेहतर नतीजे सामने आए हैं।

रोटारेक्स मेकेनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी एक उन्नत एंडोवास्कुलर तकनीक है, जो अवरुद्ध रक्त धमनियों को बिना बड़े ऑपरेशन के खोले जाने में मदद करती है। यह तकनीक विशेष रूप से उन मरीजों के लिए कारगर है, जिन्हें अंग गंवाने का खतरा होता है।

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इस उपलब्धि ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को उत्तर भारत के प्रमुख एंडोवास्कुलर इंटरवेंशन सेंटर के रूप में स्थापित कर दिया है। अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सा टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता मरीजों को बेहतर और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Saurabh Negi

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