सहकारी बैंक में 30 करोड़ की धांधली, यूपी-दिल्ली वालों को बांटा सीएम ई रिक्शा योजना का ऋण
उत्तराखंड सहकारी बैंक में मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना के ऋण वितरण में धांधली की शिकायत मिली है। बैंक ने उत्तराखंड के लोगों को कम और यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा वालों को केवल आधार कार्ड पर खूब ऋण बांटा। इतना ही नहीं, बैंक परिसरों में किराये पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए हैं जिनके लिए लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। हालांकि, शासन के निर्देश के बाद निबंधक सहकारी समितियों ने जांच बैठा दी है। मार्च, 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में राज्य सहकारी बैंक की ओर से संचालित मुख्यमंत्री ई-रिक्शा जनकल्याण योजना की शुरुआत की थी। योजना का उद्देश्य था कि राज्य के गरीब और वंचित तबके के लोग बैंक से ऋण लेकर ई-रिक्शा खरीदकर अपना कारोबार शुरू कर सकें।
शुरुआत में यह योजना राज्य के स्थानीय निवासियों के लिए थी, लेकिन बाद कुछ अफसरों ने नियमों में बदलाव कर दिया। इससे हुआ यह कि ऋण लेने वालों में स्थानीय लोग कम और उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, दिल्ली जैसे राज्यों के लोगों की बाढ़ आ गई। अब ये लोग बैंक ऋण भी नहीं लौटा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस योजना में अब तक करीब 30 करोड़ रुपये का ऋण बांटा जा चुका है। बैंकों ने कागजात पूरे किए बिना मात्र आधार कार्ड पर ऋण बांट दिया था।