रुद्रप्रयाग में एंबुलेंस बीच रास्ते में खराब, महिला ने वाहन में ही बच्चे को दिया जन्म

रुद्रप्रयाग में एंबुलेंस बीच रास्ते में खराब, महिला ने वाहन में ही बच्चे को दिया जन्म

रुद्रप्रयाग: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला ने खराब पड़ी एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस बीच रास्ते में बंद हो गई, और दूसरी एंबुलेंस के पहुंचने में लगभग एक घंटा लग गया।

जानकारी के अनुसार, नेेेेेेमा देवी, निवासी भटगांव (नगरासू), को गुरुवार देर रात करीब 2 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, जो समय पर मौके पर पहुंच गई। लेकिन नगरासू से करीब दो किलोमीटर दूर शिवनंदी के पास एंबुलेंस अचानक खराब हो गई। दूसरी एंबुलेंस मंगाई गई, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही नेेेेेेमा देवी ने उसी खराब एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दे दिया। फिलहाल मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं और उन्हें जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में भर्ती कराया गया है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य सतीश राणा ने इस घटना पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि एंबुलेंसों की बार-बार खराबी जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को उजागर करती है। उन्होंने बताया कि नगरासू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ की लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राम प्रकाश ने बताया कि राज्य सरकार को 20 नई एंबुलेंसों का प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल जिले में 12 एंबुलेंसें हैं, जिनमें से केवल 8 ही चालू हालत में हैं।

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यह कोई पहली घटना नहीं है जब एंबुलेंस की खराबी ने आपातकालीन सेवाओं में बाधा डाली हो। जुलाई माह में चोपड़ा-गढ़ीधार मार्ग पर दुर्घटना पीड़ितों को ले जाने जा रही एक एंबुलेंस भी स्थल से मात्र 300 मीटर पहले खराब हो गई थी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंसों की फिटनेस जांच सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई है, जिससे आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

Saurabh Negi

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