शोध सीखने की राह पर एसजीआरआर स्कूलों के शिक्षक, विश्वविद्यालय में हुई तीन दिवसीय कार्यशाला ने दिखाई नई दिशा

शोध सीखने की राह पर एसजीआरआर स्कूलों के शिक्षक, विश्वविद्यालय में हुई तीन दिवसीय कार्यशाला ने दिखाई नई दिशा

देहरादून, 25 मई 2025 – एसजीआरआर विश्वविद्यालय (SGRR ) के शिक्षा संकाय ने एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के शिक्षकों और शोध छात्रों के लिए शोध पद्धति और क्रियात्मक अनुसंधान पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। 21 से 23 मई तक चली यह कार्यशाला अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित हुई, जिसमें शिक्षकों को कक्षा की समस्याओं को समझने और सुलझाने के लिए शोध आधारित दृष्टिकोण अपनाने का अवसर मिला।

कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. (डॉ.) कुमुद सकलानी, कुलसचिव डॉ. लोकेश गंभीर, संयोजक प्रो. मालविका सती कांडपाल और समन्वयक डॉ. रेखा ध्यानी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

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54 प्रतिभागियों ने तीनों दिन विभिन्न शैक्षणिक सत्रों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला में डॉ. विपिन चौहान और वर्तुल ढौंढियाल ने शोध के सिद्धांतों से लेकर व्यावहारिक अनुप्रयोग तक कई विषयों पर मार्गदर्शन दिया। पहले दिन “अनुसंधान क्या है”, दूसरे दिन “क्रियात्मक अनुसंधान क्या है और क्या नहीं है”, और तीसरे दिन “प्रलेखन व प्रारंभिक शोध योजना” जैसे विषयों पर संवाद हुआ।

कुलपति प्रो. सकलानी ने कहा, “शिक्षकों को शोध में दक्ष बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाई दी जा सकती है।” वहीं, रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गंभीर ने कहा, “यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की नवाचारपरक शिक्षा नीति का परिचायक है।”

कार्यक्रम की संयोजक प्रो. मालविका कांडपाल ने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की और कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों को शोध की नई दिशा देने में मददगार साबित होगी।

Saurabh Negi

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