चमोली में बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपी को बचाने उतरे कुछ नेता, डीएम को सौंपा ज्ञापन

चमोली में बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपी को बचाने उतरे कुछ नेता, डीएम को सौंपा ज्ञापन

चमोली जिले के नंदानगर (घाट) में एक छोटी बच्ची से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी आरिफ खान के खिलाफ जनता का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है। बीते तीन दिनों से स्थानीय लोग आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दल, कुछ वकील और किसान नेता अचानक आरोपी को बचाने के लिए आगे आए और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप दिया।

आरोपी को बचाने की कोशिश

जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में इन नेताओं ने मांग की है कि प्रदर्शन और विरोध पर रोक लगाई जाए। यह ज्ञापन आरोपी के बचाव की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम से जनता में गुस्सा और बढ़ गया है, क्योंकि जनता का मानना है कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना हर किसी का अधिकार है, और इसे दबाने की कोशिश शर्मनाक है।

ज्ञापन ज्ञापन की मुख्य मांगें

इन नेताओं ने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रखी हैं:

  1. धरना प्रदर्शन पर रोक लगाएं: आरोपियों को बचाने के उद्देश्य से ज्ञापन में जनता के विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई है, जोकि लोगों के संवैधानिक अधिकार का हनन है।
  2. तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई: ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि कुछ प्रदर्शनकारी विशेष समुदाय की दुकानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल आरोपी को बचाने का एक बहाना है।
  3. भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक: ज्ञापन में प्रशासन से कहा गया है कि भविष्य में इस तरह के प्रदर्शन न होने पाएं। लेकिन, यह मांग पूरी तरह से जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है।
  4. प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा: ज्ञापन में समुदाय विशेष के दुकानदारों के लिए मुआवजा मांगा गया है, लेकिन स्थानीय लोग इसे आरोपी के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश मान रहे हैं।

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जनता का आक्रोश

ज्ञापन की खबर के बाद से स्थानीय लोग और अधिक आक्रोशित हो गए हैं। उनका कहना है कि आरोपी को बचाने की यह साजिश किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता का स्पष्ट संदेश है कि ऐसे अपराधी तत्वों को बचाने की हर कोशिश नाकाम होगी, और आरोपियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कुछ नेता अपराधियों का समर्थन कर रहे हैं और जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं? प्रशासन को चाहिए कि वह जनता की मांगों को सुने और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

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