स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 का उद्घाटन: राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 का उद्घाटन: राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

देहरादून, 25 अक्टूबर 2024 – स्पर्श हिमालय फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव “स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024” का उद्घाटन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के पहले हिमालयी “लेखक गाँव” का लोकार्पण किया, जिसमें विभिन्न सुविधाएं जैसे लेखक कुटीर, संजीवनी वाटिका, पुस्तकालय और कला दीर्घा शामिल हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” सहित देश के विभिन्न प्रदेशों और 40 से अधिक देशों के साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र की अनेक विभूतियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर “हिमालय में राम” पुस्तक का विमोचन भी किया गया, जिसे डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लिखा है।

राज्यपाल ने कहा कि डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा स्थापित “स्पर्श हिमालय फाउंडेशन” के तत्वावधान में देश के पहले हिमालयी लेखक गाँव की स्थापना करना न केवल हमारी संस्कृति और साहित्य को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि उत्तराखंड के सृजनशील युवाओं और लेखकों को मंच प्रदान करने का सुनहरा अवसर भी है।

स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024 sparsh himalay mahotsav 2024पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि “लेखक गाँव” की परिकल्पना एक अभिनव पहल है, जो लेखकों और साहित्यकारों की व्यावहारिक कठिनाइयों को हल करने में मदद करेगी। उन्होंने इसे उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय बताया और विश्वास जताया कि यह भविष्य में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगा।

इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव रद्द, सरकार के फैसले के खिलाफ मूल निवास और भू-कानून संघर्ष समिति ने जताया विरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदियों से रचनात्मकता का अद्भुत केंद्र रही है। उन्होंने “लेखक गाँव” की स्थापना को एक महान कार्य बताया और इस महोत्सव को राज्य के साहित्यकारों को एक मंच प्रदान करने का अवसर बताया, जहाँ वे विश्वभर के साहित्यकारों के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।

इस महोत्सव में भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने एआई के प्रभाव पर बात करते हुए कहा कि सृजनात्मकता के लिए एक शांत और सौंदर्यपूर्ण वातावरण आवश्यक है। स्वामी अवधेशानंद गिरी ने इस आयोजन की अनूठी कल्पना की सराहना की।

इस महोत्सव के सूत्रधार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी लोगों का स्वागत किया और “लेखक गाँव” एवं इस महोत्सव की परिकल्पना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव में 40 से अधिक देशों के लोग साहित्य, संस्कृति और कला के क्षेत्र में अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

Read This News In English –

Saurabh Negi

Share