आंधी और बारिश ने खटीमा में गेहूं की फसल बर्बाद

आंधी और बारिश ने खटीमा में गेहूं की फसल बर्बाद

आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खटीमा, बाजपुर में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं रुड़की लक्सर व आसपास के क्षेत्रों में हजारों हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है। ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है। बागों में आए बाैर के झड़ जाने से बागवानों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। किसानों और बागवानों ने सरकार व प्रशासन से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग की है। रुड़की में एक सप्ताह पहले आंधी और बारिश ने किसानों की करीब 10 फीसदी फसल को नुकसान पहुंचाया था। किसान उस झटके से अभी उबर ही पाए थे कि एक बार फिर आंधी के बाद बारिश से गेहूं व सरसों की फसल जमीन पर गिर गई। किसान शिवकुमार गर्ग, विक्रम सिंह, मेघराज और सैदाबाद का कहना है कि सरसों की जो फसल खेत में पड़ी थी वह पानी भरकर बेकार हो गई। मसूर व मटर की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इस समय गेहूं की फसल में बाली आ गई थी और गेहूं पकने के लिए तैयार था। इस बारिश से किसानों की करीब 30 फीसदी गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि सर्वे के बाद ही नुकसान का सही आकलन हो पाएगा।

नारसन में आंधी से उड़ी कटी फसल               

नारसन के किसान किरणपाल कुमार, संदीप कुमार व सुरेंद्र, जयदीप, सुंदर आदि का कहना है कि तेज बारिश से गन्ना बुआई में देरी हो रही है। वहीं गेहूं की फसल खराब हो गई है। उधर, झबरेड़ा क्षेत्र में भी तेज अंधड़ में सरसों की कटी पड़ी फसल खेतों में दूर तक उड़ गई। सरसों की फसल की कटाई के समय बारिश होने से सरसों की थ्रेसिंग करना मुसीबत बना हुआ है। सहायक कृषि विकास अधिकारी राजबीर ने बताया कि बेमौसमी बारिश से गेंहू व सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे उत्पादन व गुणवत्ता दोनों प्रभावित होंगे।
वहीं खानपुर और भगवानपुर के किसान ईलम चंद शर्मा, संजय चौधरी, मदन सिंह, अरुण पंवार, बचन सिंह आदि का कहना है कि इस नुकसान से किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा। उपजिलाधिकारी गोपालराम बिनवाल ने बताया कि पहले हुई बारिश का भी सर्वे कराया गया था। इस बारिश और तूफान से हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाए जाने की व्यवस्था की जाएगी। भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम डाडा जलालपुर, बहबलपुर, गी शहीदपुर, हसनपुर मदनपुर, मक्खनपुर, करौंदी, पुहाना, रुहालकी दयालपुर के किसानों का कहना है कि आंधी ने छह महीने की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

पहली बार हुई बारिश से किसानों की करीब दस फीसदी नुकसान का अनुमान था। दोबारा आंधी बारिश से गेहूं और सरसों की फसलें गिर गई हैं। इससे किसानों को 20 से 30 फीसदी नुकसान का अनुमान है। नुकसान का सही आकलन सर्वे के बाद ही हो पाएगा। सर्वे रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजकर किसानों को मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। – विजय देवराड़ी, मुख्य कृषि अधिकारी

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