देहरादून, पुराने परिसीमन के आधार पर रुड़की नगर निगम का दो माह के भीतर चुनाव कराने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की उलझन बढ़ गई है। शहरी विकास मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सरकार रुड़की के चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर चुकी है। अब हाईकोर्ट के आदेश के संबंध में विधिक राय लेने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
उन्होंने कहा कि सेलाकुई नगर पंचायत के चुनाव के संबंध में भी कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। रुड़की नगर निगम और सेलाकुई नगर पंचायत उन निकायों में शामिल हैं, जिनमें पिछले वर्ष चुनाव नहीं हो पाए थे। वजह ये कि इनसे संबंधित मामले अदालत में चल रहे थे।
इसी कारण रुड़की नगर निगम का परिसीमन समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाई थीं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने रुड़की नगर निगम के चुनाव के लिए कसरत की। परिसीमन में रामपुर व पाडली क्षेत्र को इस नगर निगम से बाहर कर दिया था।
इसके बाद महापौर और पार्षदों के लिए आरक्षण तय कर इसकी सूचना भी राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई। यही नहीं, आयोग भी अगस्त में संभावित चुनाव का कार्यक्रम शासन को राय के लिए भेज चुका है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद रुड़की के चुनाव को लेकर सरकार की उलझन बढ़ गई है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश की प्रति मिलने पर इसका अध्ययन किया जाएगा। साथ ही विधिक राय लेने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि सेलाकुई नगर पंचायत के चुनाव के मामले में परिसीमन, आरक्षण समेत सभी प्रक्रियाएं नए सिरे से होनी हैं। उन्होंने कहा कि इस नगर पंचायत के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में सेलाकुई को नगर पंचायत बनाने की अधिसूचना तो जारी हुई, मगर यह अभी तक आकार नहीं ले पाई है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसके आकार लेने की उम्मीद जगी है।