सतपाल महाराज ने आर्ट गैलरी का किया औचक निरीक्षण, अधिकारियों को लगाई फटकार

सतपाल महाराज ने आर्ट गैलरी का किया औचक निरीक्षण, अधिकारियों को लगाई फटकार

प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने हेमवती नंदन बहुगुणा कांप्लेक्स स्थित उत्तरा समकालीन आर्ट गैलरी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्टाफ को अनुपस्थित मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई। साथ ही वाल पेंटिंग, चित्रों व माडलों की साफ-सफाई ना होने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। मंत्री ने महानिदेशक को आर्ट गैलरी की व्यवस्थाओं के लिए कमेटी बनाने और अलग से बजट बनाने के निर्देश दिए। मंगलवार को संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने औचक निरीक्षण के दौरान महानिदेशक संस्कृति विभाग रणवीर सिंह चौहान को निर्देश दिए कि उत्तराखंड के कलाकार और समकालीन चित्रकला को विशेष पहचान दिलाने के लिए इस आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया है।

साफ-सफाई की हो नियमित व्यवस्था

इसके लिए यहां पर स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ-साथ कलाकारों की ओर से बनाई गई वाल पेंटिंग और चित्रों की नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए। उन्होंने आर्ट गैलरी में रखे केदारनाथ हेली सेवा के माडल आदि पर नमी के चलते जंक लगने को गंभीरता से लेते हुए इसके रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

अनुभवी कलाकारों को करें शामिल

उन्होंने कहा कि सुप्रसिद्ध चित्रकार स्व. सुरेंद्र पाल जोशी की परिकल्पना पर आधारित इस आर्ट गैलरी का उद्देश्य राज्य के चित्रकारों को उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए मंच देना है। इसका संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने महानिदेशक को निर्देश दिए कि इस आर्ट गैलरी के रखरखाव के लिए अलग से बजट का निर्धारण कर अनुभवी कलाकारों को शामिल करते हुए शीघ्र एक कमेटी का भी गठन किया जाए।

उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाती है आर्ट गैलरी

प्रसिद्ध चित्रकार स्व.सुरेंद्र पाल जोशी की परिकल्पना पर आधारित गैलरी में राज्य की संस्कृति को दर्शाया गया है। यहां प्रसिद्ध चित्रकारों की ओर से बनाई गई पेंटिंग्स में पहाड़ को गहराई से दर्शाया गया है। इसमें स्व. जोशी की ओर से बनाया गया ढोल-दमाऊ और पहाड़ में पाए जाने वाले घर हैं।

2018 में हुआ था उद्घाटन

साथ ही इसमें एक एलईडी स्क्रीन है, जो केदारनाथ आपदा का दृश्य दिखाती है। इसमें पहाड़ में आपदा आने के दौरान की स्थिति को भी दर्शाया गया है। वर्ष 2017 में बन कर तैयार हुई गैलरी का उद्घाटन वर्ष 2018 में हुआ था। इसका उद्देश्य राज्य के लोक कलाकारों और चित्रकारों को एक मंच प्रदान करना है।

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