सूर्या स्पीति चैलेंज 2025: मुन्दोली की अंजू और कलम ने 16,000 फीट ऊँचाई पर रचा इतिहास

सूर्या स्पीति चैलेंज 2025: मुन्दोली की अंजू और कलम ने 16,000 फीट ऊँचाई पर रचा इतिहास

हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में भारतीय सेना के सहयोग से 22 से 24 अगस्त तक सूर्या स्पीति चैलेंज 2025 का शानदार आयोजन हुआ। दुनिया के सबसे कठिन अल्ट्रा ट्रेल रनिंग आयोजनों में गिने जाने वाले इस चैलेंज में 16,000 फीट की ऊँचाई पर 1600 से अधिक धावकों ने हिस्सा लिया। बर्फीली हवाओं, पत्थरीले रास्तों और ऑक्सीजन की कमी के बीच यह प्रतियोगिता endurance और stamina की कठिनतम परीक्षा साबित हुई।

इसी कठिन चुनौती में उत्तराखंड के चमोली जिले के मुन्दोली गाँव की बेटी अंजू ने इतिहास रच दिया। महज़ 18 साल की उम्र में अंजू ने 10 किलोमीटर दौड़ में प्रथम स्थान और 77 किलोमीटर की कठिन दौड़ में तृतीय स्थान हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि से न केवल उनका गाँव, बल्कि पूरा उत्तराखंड गौरवान्वित हुआ है।

अंजू वर्तमान में A.U.G.I.C मुन्दोली की छात्रा हैं। उनकी इस उपलब्धि के पीछे मुन्दोली राइडर्स क्लब का बड़ा योगदान रहा है। इस क्लब के सदस्य लगातार स्थानीय युवाओं को कठिन परिस्थितियों में दौड़ने और पर्वतीय खेलों के लिए तैयार करते हैं। मुन्दोली राइडर्स क्लब के संस्थापक कलम सिंह बिष्ट, जो खुद एक पूर्व सैनिक और अल्ट्रा ट्रेल धावक हैं, ने भी इस प्रतियोगिता में 77 किलोमीटर दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया। उनकी इस जीत ने अंजू की उपलब्धि को और भी खास बना दिया। वहीं, क्लब की सदस्य पुष्पा देवी ने 21 किलोमीटर दौड़ में भाग लेकर महिला शक्ति का परिचय दिया।

गाँव में अंजू की जीत के बाद जश्न का माहौल है। उनके दादा, पूर्व सैनिक बलदर सिंह ने कहा – “अगर बेटियों को अवसर और सही मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी ऊँचाई को छू सकती हैं।” अंजू की सफलता ने यह साबित कर दिया कि छोटे गाँवों से निकली बेटियाँ भी कठिनतम चुनौतियों में अपनी चमक बिखेर सकती हैं।

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सूर्या स्पीति चैलेंज 2025 का यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना है। अंजू और मुन्दोली राइडर्स क्लब की यह उपलब्धि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार कर रही है।

Saurabh Negi

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