आज खत्म हुई 42वीं नेशनल ताइक्वांडो और 28वीं पूमसे ताइक्वांडो चैंपियनशिप

हरिद्वार – हरिद्वार के वंदना कटारिया स्टेडियम में 29 जून को खत्म हुई 42वीं नेशनल ताइक्वांडो और 28वीं पूमसे ताइक्वांडो चैंपियनशिप सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बन गई। खेल मंत्री रेखा आर्या ने समापन अवसर पर जब पदक विजेताओं को सम्मानित किया, तो हर युवा खिलाड़ी के मन में यह भरोसा गूंज उठा—खेल अब सिर्फ शौक नहीं, पहचान का रास्ता है। देशभर के 18 राज्यों से आए 700 से ज्यादा खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। podium पर खड़े हर खिलाड़ी की आँखों में अगला लक्ष्य साफ़ झलक रहा था—भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जीत।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने साफ शब्दों में कहा कि उत्तराखंड अब सिर्फ देवभूमि नहीं, खेल भूमि भी बन रहा है। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी ही खेल की असली नींव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2036 ओलंपिक की तैयारी में है और खिलाड़ियों को अभी से उसका सपना देखना चाहिए।
एक खिलाड़ी के लिए यह शब्द किसी पुरस्कार से कम नहीं—“उत्तराखंड से जैसे हर घर से एक सैनिक निकलता है, वैसे ही अब हर घर से एक खिलाड़ी निकलना चाहिए।” ये बात हर युवा खिलाड़ी को नई ऊर्जा देने वाली है।
इस आयोजन में डॉ. जिमी आर जगत्यानी, पीटर जगत्यानी, मनोज त्यागी, राहुल धीमान जैसे वरिष्ठ खेल पदाधिकारियों की मौजूदगी ने भी खिलाड़ियों को नज़दीक से देश के खेल तंत्र को समझने का अवसर दिया।