उत्तराखंड की अपनी लीसा नीति बनेगी, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दिए निर्देश

उत्तराखंड की अपनी लीसा नीति बनेगी, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दिए निर्देश

उत्तराखंड को राज्य गठन के 24 साल बाद अपनी लीसा नीति मिलेगी, जिसे हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लीसा नीति बनाते समय पर्वतीय क्षेत्रों की लीसा इकाइयों का विशेष ध्यान रखा जाए। उत्तरकाशी, बागेश्वर और अल्मोड़ा में डीपो की स्थापना की जाएगी, ताकि इन क्षेत्रों में लीसा इकाइयों को सुगमता हो।

पुरानी नीति को बदला जाएगा

बैठक में बताया गया कि वर्तमान में यूपी के समय से चली आ रही लीसा नीति के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है, लेकिन बदलती परिस्थितियों के अनुसार राज्य की अपनी नीति बनाना आवश्यक है। वन मंत्री ने लीसा के स्टाम्प शुल्क संबंधी मामलों के त्वरित निपटारे के निर्देश दिए और कहा कि लीसा की नीलामी को ऑनलाइन किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

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लीसा चोरी रोकने के लिए विचार-विमर्श

बैठक में लीसा चोरी रोकने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, कॉर्पस फंड और अग्रिम नीलामी जैसी संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही वार्षिक पौधारोपण योजना और नर्सरी योजना की समय पर तैयारी के लिए तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने की भी हिदायत दी गई। वन मंत्री ने कहा कि विभागीय वेबसाइट पर सारी जानकारी अपलोड की जाए ताकि आम जनता को सटीक और त्वरित जानकारी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा, और एसके सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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