उत्तराखंड के बैंकों को विदेशी लेनदेन रिपोर्टिंग में दिखानी होगी सक्रियता – आयकर विभाग का जागरूकता कार्यक्रम

देहरादून, 11 जुलाई — विदेशी खातों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने देहरादून में एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम निदेशक (आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण), उत्तरप्रदेश (पश्चिम) व उत्तराखंड, कानपुर के निर्देशन में आयोजित हुआ, जिसमें राज्य के सहकारी और अनुसूचित बैंकिंग संस्थानों को फॉर्म 61B और अंतरराष्ट्रीय कर नियमों के तहत रिपोर्टिंग की आवश्यकता के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में आयकर अधिकारी विपिन भट्ट ने कहा कि भारत सरकार ने टैक्स चोरी को रोकने और विदेशी संपत्तियों की निगरानी के लिए वित्तीय संस्थानों से वार्षिक विवरणी प्राप्त करने की व्यवस्था लागू की है। उन्होंने बताया कि FATCA (Foreign Account Tax Compliance Act) और CRS (Common Reporting Standard) जैसे वैश्विक मानकों के तहत भारत अन्य देशों से विदेशी खातों की जानकारी साझा करता है, और इसके लिए बैंकों को फॉर्म 61B भरना अनिवार्य है।
वर्तमान में देश के 1800 बैंकिंग संस्थानों में से केवल 424 बैंकिंग संस्थानों द्वारा ही यह फॉर्म नियमित रूप से दाखिल किया जाता है, जिससे भारत की वैश्विक AEOI (ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इनफॉर्मेशन) रैंकिंग पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। विभाग ने में आउटरीच कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सभी बैंक अपने 61B विवरण समयसीमा के भीतर दाखिल करने पर जोर दिया।
आउटरीच कार्यक्रम में उत्तराखंड के 15 बैंकों के लगभग 40 अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान 6 बैंकों ने मौके पर ही फॉर्म 61B के लिए अपना पंजीकरण पूरा किया, जबकि अन्य को शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। प्रतिभागियों ने अपनी तकनीकी जिज्ञासाएं साझा कीं, जिनका समाधान आयकर अधिकारियों ने मौके पर किया।
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कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट था—सभी बैंकों को कर पारदर्शिता के वैश्विक मानकों के प्रति तैयार करना और यह सुनिश्चित करना कि उत्तराखंड राज्य अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग प्रणाली में किसी भी स्तर पर पीछे न रहे।