एक ही जमीन दो बार बेची गई, पुनर्वास विभाग, ऋषिकेश के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई

एक ही जमीन दो बार बेची गई, पुनर्वास विभाग, ऋषिकेश के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई

देहरादून, 3 जुलाई  – टिहरी बांध पुनर्वास परियोजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्ती के बाद खुलासा हुआ है कि एक ही व्यक्ति ने वर्ष 2007 में जिस जमीन को विस्थापित परिवार को बेच दिया था, उसी भूमि को उसने वर्ष 2019 में दोबारा अपने नाम चढ़वा लिया और फिर से विक्रय कर दिया। पीड़िता पुलमा देवी की शिकायत पर शुरू हुई जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।

यह मामला जून माह के द्वितीय जनता दर्शन में सामने आया था, जब शास्त्रीनगर, तपोवन निवासी पुलमा देवी ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई कि उन्हें वर्ष 2007 में ग्राम फुलसनी में जो आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था, उसे वर्ष 2020 में किसी और को दोबारा बेच दिया गया।

डीएम द्वारा की गई जांच में स्पष्ट हुआ कि चंदरू पुत्र अमरू नामक व्यक्ति को टिहरी बांध पुनर्वास के तहत 2007 में भूमि आवंटित कर कब्जा दे दिया गया था। इसके बावजूद उसने वास्तविक तथ्य छिपाकर वर्ष 2019 में पुनः उसी भूमि को अपने नाम पर चढ़वा लिया। इस प्रक्रिया में पुनर्वास विभाग, ऋषिकेश के अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत भी सामने आई है। बिना वैधानिक सत्यापन के भूमिधरी दोबारा उसी व्यक्ति के नाम दर्ज की गई।

इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड में दिव्यांग मतदाताओं को मिलेगी मतदान में सुविधा, एनआईईपीवीडी को ब्रेल सामग्री तैयार करने के निर्देश

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम सविन बंसल ने अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुनर्वास) का वाहन जब्त करने के आदेश दिए हैं और उन्हें समस्त दस्तावेजों सहित प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो मामले को एसआईटी जांच के लिए संस्तुत किया जाएगा।

डीएम ने इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए एसडीएम मुख्यालय अपूर्वा को अग्रिम आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया है। डीएम ने स्पष्ट किया कि जब तक पीड़िता पुलमा देवी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक प्रशासन इस मामले को नहीं छोड़ेगा।

Saurabh Negi

Share