भारतीय खुफिया एजेंसियोंं के जारी किए अलर्ट कहा- कश्‍मीर के लिए पाकिस्‍तान में बैठे आतंकी कुछ बड़ा प्‍लान कर रहे

भारतीय खुफिया एजेंसियोंं के जारी किए अलर्ट कहा- कश्‍मीर के लिए पाकिस्‍तान में बैठे आतंकी कुछ बड़ा प्‍लान कर रहे

नई दिल्‍ली  पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी कश्‍मीर घाटी में कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहे है। इसको लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एक नहीं बल्कि दस अलर्ट जारी किए हैं। कहा जा रहा है कि ये आतंकी इसके लिए तालिबान का साथ भी ले सकते हैं। आपको बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा कर लिया था। पाकिस्‍तान तभी से कह रहा है कि कश्‍मीर मिशन में उसका साथ तालिबान भी देगा।

वरिष्‍ठ अधिकारियों के मुताबिक जम्‍मू कश्‍मीर में खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि तालिबान के काबुल पर कब्‍जे के बाद गुलाम कश्‍मीर में आतंकियों की हलचल बढ़ गई है। इसके मुताबिक पता चला है कि पाकिस्‍तान में बैठे कई आतंकी सीमा पार कर भारत के जम्‍मू कश्‍मीर में घुसपैठ की कोशिश करने की योजना बना रहे हैं। बीते करीब 15 दिनों के अंदर खुफिया एजेंसियों ने दस अलर्ट जारी किए हैं। ये अर्लर्ट उन संदिग्‍धों को लेकर जारी किए गए हैं जो सीमा पर बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।

अधिकारियों का कहना है कि इसको देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्‍ना कर दिया गया है। खुफिया एजेंसियों को इस बारे में भी जानकारी मिली है कि लश्‍कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्‍मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों की जगह में बदलाव आया है। सुरक्षा एजेंसियों को ग्रेनेड हमले, हाई वैल्‍यू टार्गेट मतलब महत्‍वपूर्ण ठिकानों पर हमले, सुरक्षा बलों पर हमले और सार्वजनिक स्‍थलों पर आईईडी ब्‍लास्‍ट को लेकर भी आगाह किया गया है।

एक अलर्ट में कहा गया है कि पांच आतंकियों का एक गुट गुलाम कश्‍मीर के जांडरोट के रास्‍ते पुंछ के मेंढ़र इलाके में घुसपैठ कर सकता है। ये सभी आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए हैं। खुफिया एजेंसी के अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया पर भी आतंकियों की एक्टिविटी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर जारी वीडियोज में घाटी के युवाओं को टार्गेट किया जा रहा है। खुफिया एजेंसी के अधिकारी का कहना है कि इस तरह के वीडियोज पर उनकी कड़ी निगाह है।

खुफिया एजेंसी को तालिबान और जैश ए मोहम्‍मद के नेताओं के बीच कंधार में हुई बैठक की जानकारी भी मिली है। ये मुलाकात अगस्‍त के तीसरे सप्‍ताह में ही हुई है। वहींं पाकिस्‍तान के राजनीतिक गलियारों में भी इसको लेकर बातचीत हुई है।

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