सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का असर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने को मिलेगा

सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का असर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने को मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देश में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने को चल रही मुहिम का असर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने को मिलेगा। इस चुनाव में प्लास्टिक व पॉलीथिन से बनी प्रचार सामग्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि चुनाव में प्लास्टिक व पॉलीथिन से निर्मित सामग्री का उपयोग किसी भी दशा में न होने पाए।

सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में पहल की गई है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य निर्वाचन आयोग ने भी कदम बढ़ाए हैं। असल में, हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में आगामी पांच अक्टूबर, 11 अक्टूबर व 16 अक्टूबर को पंचायत चुनाव होने हैं। आयोग ने इन चुनावों में प्लास्टिक-पॉलीथिन से बनी प्रचार सामग्री को प्रतिबंधित कर दिया है। यानी न तो कोई प्रत्याशी इसका उपयोग प्रचार में करेगा और न मशीनरी ही प्लास्टिक-पॉलीथिन से बनी वस्तुओं का कोई प्रयोग करेगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने सभी 12 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि प्लास्टिक-पॉलीथिनसे बने बैनर, पोस्टर, झंडियां जैसी चुनाव सामग्री को प्रतिबंधित करने को प्रभावी कदम उठाए जाएं। यदि कोई प्लास्टिक-पॉलीथिन से बनी सामग्री का प्रयोग करता है उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।

प्रिंटिंग प्रेस का नाम-पता अनिवार्य 

राज्य निर्वाचन आयोग ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार की सामग्री हैंडबिल, पैंफलेट आदि पर पि्रंटिंग प्रेस का नाम व पता अनिवार्य रूप से अंकित हो। प्रिंटेड सामग्री की संख्या भी इसमें दर्ज होनी चाहिए।

भवन स्वामी का प्रमाणपत्र जरूरी

चुनाव प्रचार के दौरान किसी भवन की दीवार, चहारदीवारी को प्रचार के लिए इस्तेमाल करने पर इसके लिए संबंधित भवन स्वामी से स्वीकृति का प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है। आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक स्वीकृति पत्र को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना होगा।

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