राजमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने की फाइल केंद्र में अटकी
प्रदेश के राजमार्गों के उच्चीकरण मामले में उत्तराखंड को डबल इंजन की सरकार का फायदा नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 2016 से राज्य के छह राजमार्गों के राष्ट्रीय राजमार्ग में उच्चीकृत होने की फाइल केंद्र में अटकी है। जबकि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार इन मार्गों के उच्चीकरण की सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है, लेकिन अभी तक इन्हें अधिसूचित नहीं किया गया है। अब उत्तराखंड शासन ने एक बार फिर इन मार्गों के संबंध में केंद्र को पत्र लिखा है। उत्तराखंड शासन की ओर से केंद्र सरकार को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि विगत वर्षों से राज्य में पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से राज्य मार्गों में यातायात दबाव में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए राज्य मार्गों को उच्चीकृत किया जाना जरूरी है। इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वर्ष 2016 में ही छह मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकृत किए जाने की सैद्धांतिक सहमति दे चुका है। इस मार्गों के राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित होने से जहां प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को लाभ मिलेगा, वहीं चारधाम यात्रा का भी सुगम ढंग से संचालन हो सकेगा।
इसके 189 किमी के काठगोदाम- भीमताल-ध्यानाचुली-मोरनोला- खेतीखान लोहाघाट-पंचेश्वर मोटर मार्ग को भी पर्यटन और सैन्य आवागमन के लिहाज से राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं।