शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार, दूसरी ओर नियमावली में संशोधन की तैयारी
शिक्षा विभाग के कारनामे भी अजीबोगरीब हैं। 2600 से अधिक पदों के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती के मामले में सरकार दोहरी नीति अपना रही है। भर्ती से एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को बाहर रखने के लिए एक तरफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, वही दूसरी ओर इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। vशिक्षा मंत्री के निर्देश पर निदेशालय की ओर से शासन को सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिक्षा विभाग ने नवंबर 2020 एवं 2021 में शिक्षक भर्ती के 2600 से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे। शासन की ओर से 15 नवंबर 2021 को एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन बीएड और डायट से डीएलएड अभ्यर्थियों के विरोध के बाद शासन ने इस आदेश को रद्द कर दिया। इसके विरोध में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, लेकिन पहले बीएड अभ्यर्थी फिर सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई।