सरकार ने विधानसभा से नियमित कराए बगैर खर्च दिए 47,758 करोड़ – कैग की रिपोर्ट
पिछले 20 वर्षों से प्रदेश में सत्तारूढ़ रहीं सरकारों ने 47758 करोड़ रुपये की धनराशि निकाल कर खर्च कर दी और इसे अभी तक विधानसभा से नियमित कराने की जहमत तक नहीं उठाई। इसके अलावा वास्तविक अनुमान से अधिक धनराशि खर्च कर दी गई, जबकि विधानमंडल की इच्छा के बिना एक रुपया भी खर्च नहीं किया जा सकता था। सरकार के वित्त प्रबंधन पर यह गंभीर टिप्पणी भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में की गई है। बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर राज्य के वित्त पर कैग की 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए पेश रिपोर्ट में सरकार के बजटीय प्रबंधन पर भी कई सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2005-06 से 2020-21 के दौरान अधिक व्यय किए गए 47,758.16 करोड़ रुपये विधानसभा से अभी मंजूर नहीं हुए हैं। कैग ने इसे संविधान के अनुच्छेद 204 व 205 का उल्लंघन माना है। इनके तहत विनियोग के अलावा समेकित निधि से कोई धनराशि नहीं निकाली जा सकती। इस प्रवृत्ति को कैग ने बजटीय और वित्तीय नियंत्रण की प्रणाली के खराब और सार्वजनिक संसाधन के प्रबंधन में वित्तीय अनुशासनहीनता माना है।