मूल निवास और मजबूत भू कानून की माँग का आंदोलन अब टिहरी भी पहुँच गया है
उत्तराखण्ड में मूल निवास और मजबूत भू कानून की माँग को लेकर हो रहा आंदोलन अब टिहरी भी पहुँच गया है । आगामी 11 फरवरी को नई टिहरी में प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान रैली में प्रदेश भर से लोगो की आने की संभावना है । मूल निवास भू कानून समन्वय सँघर्ष समिति के सह संयोजक लू शुन टोडरिया एवं समिति के सदस्य देवेंद्र नौडियाल मोनू ने कहा है कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन अब उत्तराखण्ड आन्दोलन की तर्ज़ पर आगे बढ़ रहा है । टिहरी क्रांतिकारियों की धरती है,श्रीदेव सुमन की इस धरती से अब पुनः मूल निवासियों के अधिकारों के आंदोलन का बिगुल बजेगा जो पूरे उत्तराखण्ड के कोने कोने तक पहुंचेगा ।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष नई टिहरी पीजी कॉलेज गंगा भगत नेगी, समिति के टिहरी संयोजक भरत भूषण गोदियाल, सदस्य अमित पंत कहा है कि इस राज्य में मूल निवासियों के अधिकारों पर हो रहा कुठाराघात बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जाएगा और टिहरी में होने वाली रैली बता देगी की उत्तराखण्ड की जनता अब अपने अधिकारों को लेकर एकजुट हो रही है ।
समाजसेवी राकेश राणा,पूर्व छात्रसंघ महासचिव नई टिहरी पीजी कॉलेज पर्वत कुमाई ने कहा की राज्य आंदोलन से ही उत्तराखण्ड के जल जंगल जमीनों पर मूल निवासियों के अधिकारों की बात होती थी, परंतु यह इस राज्य का दुर्भाग्य रहा कि राज्य बनने के 23 साल बाद भी राज्य का मूल निवासी अपने ही राज्य में दूसरे दर्जे का नागरिक बनकर रह गया है।
राज्य आंदोलनकारी विक्रम बिष्ट एवं समिति के सदस्य विपिन पँवार ने कहा देहरादून हल्द्वानी भिकियासैंण बागेश्वर में हुए विशाल प्रदर्शन यह बताने को काफी है कि उत्तराखण्ड राज्य का मूल निवासी अपने अधिकारों को लेकर कितना सजग हो चुका है और जब तक वह अपने अधिकारों को लेगा नही तब वह किसी भी हालत में चुप नही बैठेंगे ।