त्रिजुगीनारायण बना डेस्टिनेशन वेडिंग का केंद्र, इस साल अब तक 500 से अधिक शादियां

त्रिजुगीनारायण बना डेस्टिनेशन वेडिंग का केंद्र, इस साल अब तक 500 से अधिक शादियां

रुद्रप्रयाग – उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रिजुगीनारायण मंदिर, जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, आज वैश्विक स्तर पर डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। 2025 में अब तक यहां 500 से अधिक शादियां सम्पन्न हो चुकी हैं, जबकि 2024 में पूरे वर्ष में कुल 600 शादियां हुई थीं।
यहां हर महीने औसतन 100 से अधिक विवाह हो रहे हैं। विशेषकर शादियों के सीजन में एडवांस बुकिंग की भरमार रहती है। वेडिंग प्लानर रंजना रावत ने बताया कि 7 से 9 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉ. प्राची यहां विवाह करने पहुंच रही हैं। इसके लिए उन्होंने जीएमवीएन गेस्ट हाउस अग्रिम रूप से बुक किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में प्रोत्साहित करने के बाद, इसका असर सीधे त्रिजुगीनारायण मंदिर पर पड़ा है। यहां अब देश-विदेश से लोग पारंपरिक सनातन विधि से विवाह करने पहुंच रहे हैं। इससे पंडितों, मांगल टीमों, होटल व्यवसायियों, ढोल-दमौ वादकों, फोटोग्राफरों और वेडिंग प्लानर्स को स्थायी रोजगार भी मिल रहा है।

अब तक यहां इसरो के वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यूट्यूबर आदर्श सुयाल और गढ़वाली लोकगायक सौरभ मैठाणी जैसे चर्चित नाम विवाह कर चुके हैं। यह मंदिर धीरे-धीरे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दंपतियों के बीच एक प्रतिष्ठित वैदिक विवाह स्थल बनता जा रहा है।

मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी के अनुसार, यहां विवाह केवल रजिस्ट्रेशन के बाद और माता-पिता या अभिभावकों की उपस्थिति में ही किया जाता है। विवाह वैदिक विधियों के अनुसार मंदिर परिसर में स्थापित विशेष वेदी पर होता है। इसके बाद दंपति मंदिर में स्थित अखंड अग्नि की परिक्रमा कर विवाह पूर्ण करते हैं।
अन्य रस्में और उत्सव नजदीकी होटलों व रिसॉर्ट्स में होते हैं, जहां सीतापुर तक के स्थानीय पुजारी निर्धारित दक्षिणा पर विवाह सम्पन्न कराते हैं।

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त्रिजुगीनारायण मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यंत विशेष है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो शिव-पार्वती विवाह के समय कन्यादानकर्ता बने थे। मंदिर परिसर में स्थित अखंड ज्योति को शिव-पार्वती विवाह की साक्षी माना जाता है। मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ मंदिर से मेल खाती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद उत्तराखंड सरकार डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता दे रही है। इससे प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ा है और स्थानीय युवाओं को सीधा लाभ मिल रहा है। देवभूमि उत्तराखंड, आने वाले नवविवाहितों और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Saurabh Negi

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