शीतकाल के लिए तुंगनाथ मंदिर की यात्रा समाप्त? बीकेटीसी अध्यक्ष ने की यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तृतीय केदार तुंगनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कपाट बंदी की तिथि नजदीक होने के चलते, अजेंद्र ने मंदिर के प्रस्तावित जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, और सुरक्षात्मक कार्यों पर हक-हकुकधारियों से चर्चा की। तुंगनाथ धाम के कपाट 4 नवंबर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस वर्ष तुंगनाथ धाम में अब तक 1.46 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जिसके मद्देनजर आधारभूत सुविधाओं के विकास की आवश्यकता पर बल दिया गया।
तुंगनाथ धाम के मंदिर परिसर में भू-धँसाव की समस्या का सामना किया जा रहा है, जिसके कारण कुछ स्थानों पर दीवारों के पत्थर खिसकने लगे हैं और बारिश का पानी अंदर आ जाता है। इस समस्या को लेकर बीकेटीसी अध्यक्ष ने भारतीय पुरातत्व विभाग और भारतीय भू-गर्भीय सर्वेक्षण विभाग से इसका अध्ययन करवाया था। अब सीबीआरआई रुड़की की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आधार पर उत्तराखंड शासन से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है।
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बीकेटीसी को सैद्धांतिक स्वीकृति के साथ ही सभी कार्यों को सीबीआरआई रुड़की के माध्यम से संपादित करने का निर्देश भी मिल चुका है। इससे तुंगनाथ धाम के मंदिर की पौराणिकता को ध्यान में रखते हुए इसके जीर्णोद्धार और सुरक्षा से जुड़े कार्यों को जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा।
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