उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस से पहले लागू होगा UCC – मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आई.एस.बी.टी. के निकट एक होटल में आयोजित अमर उजाला के संवाद उत्तराखण्ड ‘विकास की बात’ कार्यक्रम में ऐलान किया कि राज्य में समान नागरिक संहिता राज्य स्थापना दिवस से पहले लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं। राज्य ग्रास एन्वायरमेंट प्रोडक्ट (जीईपी) की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें जल, जमीन, जंगल और हवा को शामिल कर जीईपी सूचकांक बनाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के शहरों की धारण क्षमता का आंकलन किया जा रहा है और उसके अनुसार उनका सुनियोजित विकास किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिमालयी राज्यों के लिए मानसून का समय हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है, जिसमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। श्री केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर मलबा आने से यात्रा मार्ग बाधित हुआ है और श्रद्धालुओं को सुरक्षित लाने का कार्य जारी है। अब तक 10 हजार से अधिक यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।
विकास और पर्यावरण में संतुलन:
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरेला पर्व से एक माह तक वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एक करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत मुख्यमंत्री और उनकी मां ने भी वृक्षारोपण किया।
सतत विकास और निवेश:
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है, जिसे बनाए रखना एक चुनौती है। राज्य के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’ के तहत 3 लाख 54 हजार करोड़ के एम.ओ.यू हुए हैं, जिसमें से 77 हजार करोड़ की ग्राउंडिंग शुरू हो चुकी है।
ऊर्जा, स्वास्थ्य और शिक्षा:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में ऊर्जा की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है और पीएम सूर्यघर योजना का राज्य को आने वाले समय में लाभ होगा। राज्य में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का कार्य निरंतर चलता रहेगा। स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में हैं और इन्हें बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
वाइब्रेंट विलेज योजना और नकल विरोधी कानून:
मुख्यमंत्री ने बताया कि वाइब्रेंट विलेज योजना का राज्य को काफी लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने माणा से जिन गांवों को पहले अंतिम गांव माना जाता था, उन्हें पहले गांवों की संज्ञा दी थी और उनका तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिससे परीक्षाएं पारदर्शिता से सम्पन्न हुई हैं और 10 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरी मिल चुकी है। नकल माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की गई है।
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हिमाचल की तरह भूमि क्रय पर सख्त कानून जरूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा, ‘उत्तराखंड में अधिकांश लोगों के पास बहुत अधिक भूमि नहीं है। कहा, वर्ष 2007 में प्रदेश की तत्कालीन भुवनचंद खंडूड़ी सरकार में मंत्री होने के नाते बाहरी लोगों के जमीन खरीदने को लेकर चिंता जताई गई थी। उस समय बाहरी लोगों के लिए 250 वर्ग मीटर जमीन ही खरीदने का नियम बनाया गया। हिमाचल में आसानी से भूमि नहीं खरीद सकते, कृषि भूमि तो कतई नहीं खरीद सकते। उन्होंने हिमाचल के किन्नौर का हवाला देते हुए कहा, कोई बाहरी अगर वहां की युवती से शादी भी कर लेता है तो भी जमीन नहीं खरीद सकता है। हमें भी ऐसा ही सख्त कानून लाना होगा, वरना प्रदेश का बहुत नुकसान होगा।’