UKSSSC परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों से घुसपैठ की कोशिश, तीन पहचान और फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ पकड़ा गया अभ्यर्थी

देहरादून – उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा से पहले एक अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों और तीन अलग-अलग पहचान के साथ पकड़ा गया। आरोपी की पहचान सुरेंद्र कुमार निवासी मोदीनगर, गाज़ियाबाद के रूप में हुई है, जिसने अलग-अलग नामों, मोबाइल नंबरों और दस्तावेजों के जरिए तीन आवेदन किए थे।
जांच में खुलासा हुआ कि सुरेंद्र ने फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और स्थायी निवास प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया था। उसने रोजगार विभाग की ओर से जारी होने वाले पहचान पत्र को भी जाली बनाया था। आयोग की ओर से गोपनीय जांच में गड़बड़ी सामने आने पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच अधिकारियों के अनुसार, सुरेंद्र की सबसे बड़ी गलती रोजगार पहचान पत्र में हुई। उत्तराखंड के रोजगार आईडी “UK” से शुरू होकर 16 अंकों की होती हैं, जबकि उसने “UA” से शुरू होने वाली 13 अंकों की आईडी दी थी, जिससे उसकी फर्जीवाड़ा तुरंत उजागर हो गया।
इसके अलावा, आरोपी ने तीनों आवेदनों में पिता का नाम अलग-अलग लिखा, निवास प्रमाणपत्रों में कभी देहरादून तो कभी हापुड़ का पता दिखाया, और फर्जी ओबीसी प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया जिसमें गलत सीरियल नंबर दर्ज था।
एक मामले में सुरेंद्र ने 2001 की आवेदन तिथि वाला स्थायी निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया, जिसे 2023 में जारी दिखाया गया था। न तो उस पर एसडीएम के हस्ताक्षर थे, न ही शासनादेश का सही क्रमांक। जांच में यह भी पाया गया कि उसने 2010 से 2013 के बीच तीन अलग-अलग विश्वविद्यालयों से स्नातक की डिग्री दिखाई और अपनी जन्मतिथि भी दो अलग वर्षों – 1988 और 1995 में दर्ज की।
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आयोग के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान उसके हर फर्जी दस्तावेज की परत खुलती चली गई। आरोपी ने सिस्टम में सेंध लगाने के लिए कई तकनीकी खामियों का फायदा उठाने की कोशिश की थी। अब उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।