UKSSSC पेपर लीक: शॉर्टकट अपनाकर फंसा खालिद, भाजपा और उसके नेता के स्कूल पर उठे सवाल

हरिद्वार – उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। STF की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है कि आदमपुर सुल्तानपुर निवासी खालिद मलिक ने परीक्षा के दौरान मोबाइल फोन जुराब में छिपाकर अंदर पहुंचाया और सवालों की तस्वीरें खींचकर बाहर भेजीं। इस पूरे खेल में उसकी बहन साबिया और टिहरी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन का नाम भी सामने आया है। अब तक की जांच में भाजपा नेता के स्कूल का नाम जुड़ने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
कैसे पहुंचा मोबाइल अंदर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक परीक्षा के दिन खालिद बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट पहुंचा। मुख्य गेट पर कड़ी चेकिंग देख उसने पीछे खेतों की तरफ बने छोटे गेट से प्रवेश किया। जुराब में छिपा आईफोन 12 मिनी अंदर ले जाने में सफल रहा। कक्ष में बैठने के बाद उसने तीन पन्नों में से 12 सवालों की तस्वीरें खींचीं और शौचालय में जाकर उन्हें घर भेज दिया। वहां से उसकी बहन साबिया ने फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाईं।
चार आवेदन और फर्जी नंबरों का खेल
STF की जांच में सामने आया कि खालिद ने इस परीक्षा के लिए चार आवेदन किए थे। उसने आठ अलग-अलग मोबाइल नंबर इस्तेमाल किए और एक फॉर्म में पिता का नाम भी अलग लिखा। आयोग ने उसके सभी आवेदन निरस्त कर दिए और उसे परीक्षाओं से ब्लैकलिस्ट कर दिया है। खालिद पहले सीपीडब्ल्यूडी में संविदा जेई रह चुका है और हाल ही में आईआईपी मोहकमपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी पाई थी।
भाजपा नेता के स्कूल पर सवाल
पेपर लीक जिस परीक्षा केंद्र से हुआ, वह भाजपा नेता धर्मेंद्र चौहान का स्कूल है। चौहान वर्तमान में हरिद्वार जिले के भाजपा मीडिया प्रभारी हैं। उनके स्कूल का नाम सामने आने के बाद पार्टी हाईकमान ने जिला संगठन से रिपोर्ट तलब की है। जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने पूरी जानकारी भेज दी है। इससे पहले 2023 में भी भाजपा नेता संजय धारीवाल को पटवारी व जेई-एई पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब दोबारा भर्ती परीक्षा से भाजपा नेताओं का नाम जुड़ना पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। लेकिन जिस तरह भाजपा और मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है उस से जनता और खासकर युवाओं का विश्वास उनसे उठ गया है।
STF ने बताया कि जिस कमरा नंबर-9 में खालिद बैठा था, उसमें जैमर ही नहीं लगा था। केंद्र पर कुल 18 कमरे थे, लेकिन जैमर सिर्फ 15 में लगाए गए थे। यही वजह रही कि खालिद मोबाइल से तस्वीरें खींचने और बाहर भेजने में सफल हो गया। STF अब खालिद का मोबाइल बरामद करने और उसके नेटवर्क की कड़ियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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STF कस्टडी रिमांड पर ले सकती है खालिद को
पूछताछ में खालिद लगातार विरोधाभासी बयान दे रहा है। उसने मोबाइल को कभी ट्रेन से फेंकने और कभी नदी में गिरने की बात कही। पुलिस का मानना है कि वह साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। STF उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर मोबाइल और नेटवर्क का पूरा राज खोलने की तैयारी में है।