प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य को नई सड़कों का मिल सकता है तोहफा

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य को नई सड़कों का मिल सकता है तोहफा

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत अगले माह तक राज्य को नई सड़कों का तोहफा मिल सकता है। इससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ गांव भी सड़क से जुड़ सकेंगे। योजना के तीसरे फेज में राज्य में कुल 2288 किमी सड़कों के निर्माण का लक्ष्य दिया गया है।

इनमें से मार्च माह में करीब 858 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 1123 किमी लंबाई की नई सड़कों की मंजूरी मिल सकती है। उत्तराखंड में पिछले 22 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 8811 करोड़ रुपये की लागत से 19 हजार 186 किमी से अधिक की 2290 सड़कों का निर्माण हो चुका है।

प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत तृतीय चरण के पहले फेज में 11 सौ से अधिक लंबाई की सड़कों की स्वीकृति अगले माह तक मिलने की उम्मीद है। इसके लिए 858 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाई गई है। डीपीआर की स्वीकृति का कार्य गतिमान है। – उदय राज सिंह, सीईओ, पीएमजीएसवाई

पीएमजीएसवाई के तहत बनी सड़कों के बाद राज्य के कई गांवों की तस्वीर बदली है। खास बात यह है कि उत्तराखंड को पर्वतीय राज्यों केे श्रेणी में वर्ष 2018-19 में 2510 किमी लंबाई की सड़कों के लक्ष्य के सापेक्ष 1756 किमी सड़क निर्माण पूरा किए जाने पर देशभर में द्वितीय स्थान प्राप्त हो चुका है। जबकि वर्ष 2017-18 में 172 गांवों के सापेक्ष 207 गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने पर राज्य को पहला स्थान मिल चुका है।

पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों में भी इस बार नई तकनीक का सहारा लिया जाएगा। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सड़कों के निर्माण में कोल्ड मिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, गैबियन वॉल, वेस्ट प्लास्टिक, आरबीआई-81 और सीमेंट स्टेबिलाइजेशन जैसी तकनीक का सहारा लिया जाएगा।

पीएमजीएसवाई की गाइडलाइन के अनुसार, सड़क निर्माण के दौरान कोई भी आम आदमी निगरानी कर सकता है। वह शिकायत और सुझाव भी दे सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से मेरी सड़क एप विकसित किया गया है। इस एप के माध्यम से सड़क निर्माण के दौरान यदि ठेकेदार की ओर से कोताही बरती जाती है तो कोई भी व्यक्ति इसकी शिकायत सीधे मंत्रालय को कर सकता है।

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