यूसैट का छह साल से नहीं हुआ आयोजन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी है। वहीं, बिना पीएचडी असिस्टेंट प्रोफेसर बनाने वाले यूसैट का राज्य में छह साल से आयोजन ही नहीं हुआ है। अब युवाओं की नजर अपने राज्य की पात्रता परीक्षा पर है। उधर, कुमाऊं विवि का दावा है कि जल्द ही यूसैट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
यूजीसी के एतिहासिक निर्णय के बाद उत्तराखंड राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा (यूसैट) पर सबकी निगाहें टिक गई हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने वर्ष 2017 में यूसैट का आयोजन कराया था। उसके बाद से प्रदेश में यह टेस्ट नहीं हुआ जबकि नेट का आयोजन साल में दो बार हो रहा है। इससे युवा निराश हैं क्योंकि राज्य में उन्हें नौकरी के अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
यूसैट को नेट के मुकाबले थोड़ा आसान माना जाता है। नए नियम आने के बाद परास्नातक करने वाले युवा केवल यूसैट देकर भी राज्य के विश्वविद्यालयों, सरकारी डिग्री कॉलेजों, अशासकीय महाविद्यालयों, निजी विवि व कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सेवाएं दे सकते हैं। राज्य के युवाओं के लिए यह बड़ा मौका होगा। पिछले दिनों राज्य सरकार ने कुमाऊं विवि को यूसैट कराने का पत्र भेजा था। कुमाऊं विवि ने अब इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। सरकार ने यूसैट के लिए प्रो. हरीश बिष्ट को सदस्य सचिव भी नामित कर दिया है।