उत्तराखंड: 72 शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार से नवाजा

उत्तराखंड: 72 शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार से नवाजा

सरकारी विद्यालयों के 72 शिक्षक-शिक्षिकाओं को बुधवार को शैलेश मटियानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है। इन शिक्षकों को दो वर्ष का सेवा विस्तार भी मिलेगा।

शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में किया गया। इस मौके पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पुरस्कार शिक्षकों को और अच्छा काम करने की ऊर्जा देगा। साथ ही अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राथमिक शिक्षा में अभी और सुधार किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर कार्रवाई के लिए सरकार हर वक्त तैयार है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर ने कहा कि शैलेश मटियानी पुरस्कार शिक्षकों की 15 वर्ष की निर्विवाद शैक्षिक सेवा करने पर प्रदान किया जाता है। पुरस्कार चयन के सख्त मानक हैं। शिक्षक-शिक्षिका का उत्कृष्ट परीक्षाफल, नवाचार, उत्कृष्ट कार्य के आधार पर चयन किया जाता है।

पुरस्कार समारोह में निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल, संस्कृत शिक्षा निदेशक एसपी खाली, समाजसेवी अजय तिवारी, उप निदेशक आरपी डंडरियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला, मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।

इन शिक्षक और शिक्षिकाओं को मिला सम्मान 

पौड़ी गढ़वाल 

रीता सेमवाल, डॉ. मंजू कपरवाण, सुकन्या थपलियाल, आशीष चौहान, पुष्कर सिंह नेगी।

रुद्रप्रयाग 

प्रमिला भंडारी, वीरेंद्र सिंह राणा, राकेश कुमार असवाल, गजपाल सिंह जगवाण, माधव सिंह नेगी, सुधा सेमवाल।

उत्तरकाशी 

रेखा रानी कोटियाल, वीरेंद्र सिंह नेगी, विजया रावत, शैलेश कुमार नौटियाल, चंद्रकला शाह।

देहरादून 

कुसुम लता, कुसुम रानी नैथानी, पुष्पा रावत, डॉ. सुशील सिंह राणा, सर्वेश्वरी, गोविंद सिंह रावत।

चमोली 

ममता डिमरी, सत्ये सिंह राणा, कुंवर सिंह गुसाईं, शशि कंडवाल, राजकुमार मनराल, ममता मिश्रा, भाष्करा नंद डिमरी।

हरिद्वार

किशन लाल महर, राम शंकर सिंह, मोहम्मद अनीस, उर्मिला सिंह पुंडीर, रोहिताश्व कुंवर चौहान।

अल्मोड़ा

पुष्पा जोशी, नीलम नेगी, सुरेश चंद्र पाठक, इमराना परवीन, जमुना प्रसाद तिवारी।

बागेश्वर 

राम लाल, जीवन चंद दुबे, चंपा कोरंगा, उमेद सिंह रावत, नीता अल्मिया, शोभा।

ऊधम सिंह नगर 

भानु प्रकाश गुप्ता, स्वतंत्र कुमार मिश्रा, डोरी लाल लोधी, संजीव कुमार पांडेय।

नैनीताल 

विमला जोशी, गीता लोहनी, डॉ. दिग्विजय सिंह चौहान, लक्ष्मी काला, सुरेंद्र सिंह रौतेला।

पिथौरागढ़

दीपा कलाकोटी, दरपान राम टम्टा, कौस्तुभ चंद्र जोशी, किशोर चंद्र पाटनी।

चंपावत 

महेश गिरी, प्रमोद कुमार, ललित मोहन बोहरा, राधेश्याम खर्कवाल, कीर्ति बल्लभ जोशी।

टिहरी गढ़वाल 

रामाश्रय सिंह, दिनेश चंद्र बडोनी, दिनेश प्रसाद बडोनी, दीपक रतूड़ी, उषा द्विवेदी, यशवंत सिंह नेगी, डॉ. वीर सिंह रावत, किशोर सिंह।

मैं अस्थायी हूं, आप लोग स्थायी: शिक्षा मंत्री

शैलेश मटियानी पुरस्कार समारोह में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे एक बार फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में दिखे। उन्होंने शिक्षकों की पीठ थपथपाई तो शिक्षा में सुधार की गुंजाइश भी बताई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्री अस्थायी जबकि शिक्षक स्थायी होते हैं। विभाग आपका है इसलिए आप अपना सर्वश्रेष्ठ दें।

उन्होंने कहा कि शिक्षक अच्छा काम करेंगे तो बच्चों का भविष्य संवरेगा और देश को सशक्त नागरिक मिलेंगे। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझकर काम करेंगे तो विभाग पर कोई उंगली नहीं उठा पाएगा। पांडे ने कहा कि शिक्षा मंत्री के पास पांच साल होते हैं। जिसमें विभाग की कायाकल्प करना संभव नहीं है। पर शिक्षकों के पास लंबा समय है। वह काम के प्रति ईमानदार होंगे तो विभाग व्यवस्थित रहेगा। शिक्षा व्यवस्था बेपटरी नहीं होगी। ऐसे में निसंदेह शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहेगी। लेकिन, अफसोस कि सरकारी विद्यालयों की स्थिति निरंतर गिरावट पर है। छात्र कम हो रहे हैं। जबकि शिक्षक उस अनुपात में कम नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा में अभी भी कई कमियां हैं। जिनको दूर करने की चुनौती है। विभागीय अधिकारियों और शिक्षकों को मिल कर शिक्षा में और सुधार करना होगा। शिक्षा में कमियों के लिए सिर्फ शिक्षक को दोषी मानना उचित नहीं है। इसके लिए हम सब दोषी हैं।

पांडे ने कहा कि शिक्षकों की समस्याएं हैं, उनका समाधान होना चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय स्तर से समाधान होना है तो शिक्षक सीधे उनसे मिल सकते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक-दो दिन में आदेश हो जाएंगे। वहीं निजी स्कूलों में फीस एक्ट को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें हमारी तरफ से देरी हुई है लेकिन कोशिश है जल्द एक्ट बने।

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