उत्तराखंड से दुबई को सेब निर्यात की शुरुआत, देहरादून से 1.2 मीट्रिक टन की पहली खेप रवाना

उत्तराखंड से दुबई को सेब निर्यात की शुरुआत, देहरादून से 1.2 मीट्रिक टन की पहली खेप रवाना

देहरादून – उत्तराखंड से दुबई को सेब निर्यात की नई पहल शुरू हो गई है। कल (21 अगस्त) वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने गुरुवार को शहर के एक होटल से 1.2 मीट्रिक टन किंग रोट (king Rout) प्रजाति के सेब की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर बर्थवाल ने कहा कि यदि यह खेप सफल रहती है तो राज्य के किसानों की आय बढ़ाने और उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाने का रास्ता और आसान होगा। उन्होंने बताया कि यह खेप कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के सहयोग से भेजी गई है।

बर्थवाल ने कहा कि केंद्र सरकार जैविक खेती और जैविक निर्यात को बढ़ावा देने, कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करने और उच्च मूल्य वाले बाजारों में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के बासमती चावल, मोटे अनाज, राजमा, मसाले, शहद, कीवी, लीची, आड़ू और सब्जियों के निर्यात की भी संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि यह खेप एपीडा के व्यापक रोडमैप का हिस्सा है। आने वाले दिनों में संगठन का ध्यान राज्य के बाजरे, मोटे अनाज, जैविक उत्पादों, दलहनों, खट्टे फलों और औषधीय पौधों के निर्यात को बढ़ाने पर रहेगा। किसानों और निर्यातकों को सहयोग देने के लिए एपीडा जल्द ही दून के आईटी पार्क में उपसक भवन भी स्थापित करेगा।

इस अवसर पर एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव, अपर सचिव झरना कमठान, निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान और राज्य सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहे।

सचिव बर्थवाल ने कहा कि देवभूमि की मिट्टी उपजाऊ है और यहां की बागवानी फसलें उच्च गुणवत्ता वाली हैं। पौड़ी गढ़वाल की पहाड़ियों में उगने वाले किंग रोट सेब अपने स्वाद और मिठास के लिए प्रसिद्ध हैं। विदेशों में इसकी बढ़ती मांग राज्य के किसानों के लिए लाभकारी होगी।

एपीडा उत्तराखंड के विशिष्ट उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए जैविक प्रमाणन और जीआई टैगिंग की सुविधा दे रहा है। इसी कड़ी में वैश्विक खुदरा बाजारों में निर्यात परीक्षण के लिए लुलु समूह के साथ समझौता भी किया गया है।

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वित्तीय वर्ष 2024-25 में एपीडा-निर्धारित उत्पादों के निर्यात में उत्तराखंड का योगदान 201 करोड़ रुपये रहा है। अब तक राज्य से गुड़, कन्फेक्शनरी और ग्वारगम का निर्यात किया गया है।

Saurabh Negi

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