आयुर्वेदिक कोर्सों में सीटें भरने की चुनौती, सिर्फ 600 छात्रों ने किया आवेदन

देहरादून — उत्तराखंड में इस बार आयुर्वेद कोर्सों में सीटें भरना बड़ी चुनौती बन गया है। अब तक केवल 600 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है, जबकि राज्य के 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेजों में कुल 3100 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं।
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के माध्यम से संचालित आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक कोर्सों में इस वर्ष भी प्रवेश प्रक्रिया धीमी है। परिषद ने आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर तक बढ़ा दी है, जबकि काउंसलिंग नवंबर के पहले सप्ताह में होगी।
परिषद ने इस वर्ष आयु सीमा में छूट देते हुए 42 वर्ष तक के अभ्यर्थियों को प्रवेश की अनुमति दी है। उम्मीद की जा रही है कि इस निर्णय से आवेदकों की संख्या में कुछ वृद्धि होगी।
पिछले वर्ष भी राज्य के आयुर्वेद कॉलेजों में आधी से अधिक सीटें खाली रह गई थीं, और इस बार भी परिषद के सामने वही चुनौती बनी हुई है।
परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने बताया कि प्रवेश की तिथि बढ़ाने और आयु सीमा में छूट से छात्रों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।



