उत्तराखंड बजट 2025: पहली बार बजट का आकार एक लाख करोड़ के पार, 13.38% की बढ़ोतरी
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वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13.38% अधिक है। यह पहली बार है जब उत्तराखंड का बजट एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। उन्होंने अपने भाषण में “विकसित भारत में सशक्त उत्तराखंड” के संकल्प को दोहराया और इसे “ज्ञान और नमो मंत्र” से पूरा करने की बात कही।
बजट में 59,854.65 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 41,220.68 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं। सरकार को नए वित्तीय वर्ष में 1,01,034.74 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। वित्त मंत्री ने इसे कर मुक्त बजट बताया और 12,504.92 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की संभावना को एफआरबीएम एक्ट की सीमा के भीतर बताया। अवस्थापना कार्यों पर खर्च के लिए 14,763.13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बजट में वेंचर फंड, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, प्रवासी उत्तराखंड परिषद, यूआईटीडीबी के लिए परामर्शी सेवाएं, रेणुका जी बांध परियोजना में राज्य की अंशपूंजी, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होम कल्याण कोष, और सैनिक विश्राम गृहों के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।
गरीब कल्याण और कृषि क्षेत्र में बजट प्रावधान
- पेंशन योजनाओं के लिए 1,811.66 करोड़ रुपये
- विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के लिए 918 करोड़ रुपये
- अन्नपूर्ति योजना के लिए 600 करोड़ रुपये
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 255 करोड़ रुपये
- युवाओं के कौशल विकास और छात्रवृत्ति के लिए वित्तीय प्रावधान
ढांचागत विकास और जल परियोजनाएं
- जमरानी बांध परियोजना के लिए 625 करोड़ रुपये
- सौंग परियोजना के लिए 75 करोड़ रुपये
- लखवाड़ परियोजना के लिए 285 करोड़ रुपये
- जल जीवन मिशन के लिए 1,843.44 करोड़ रुपये
- पीएमजीएसवाई के तहत सड़क और पुल निर्माण के लिए 1,065 करोड़ रुपये
समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए बजट प्रावधान
बजट में 30 करोड़ रुपये समान नागरिक संहिता लागू करने, 10.28 करोड़ रुपये परिवार पहचान पत्र योजना, 70 करोड़ रुपये गो सदनों व निराश्रित पशुओं के लिए, 20 करोड़ रुपये गैरसैंण में अवस्थापना कार्यों के लिए, 60 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और 10 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए निर्धारित किए गए हैं।
उत्तराखंड के विकास के लिए “नमो बजट”
वित्त मंत्री ने “नमो बजट” को नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत और ओजस्वी मानव संसाधन के चार स्तंभों पर आधारित बताया। इसमें
- नवाचार: पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधार प्रणामीकरण, ऊर्जा दक्ष पंप, स्मार्ट मीटर, साइंस सिटी जैसी योजनाएं
- आत्मनिर्भर उत्तराखंड: कृषि, ऊर्जा, आयुष, उद्योग, पर्यटन, अवसंरचना पर विशेष ध्यान
- महान विरासत: शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत, हरिद्वार-ऋषिकेश पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट योजनाएं
- ओजस्वी मानव संसाधन: स्टार्टअप, नॉलेज इकोनॉमी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), खेल सुविधाओं का विस्तार