उत्तराखंड को केंद्रीय करों में अधिक हिस्सा, जल जीवन मिशन को विस्तार

उत्तराखंड को केंद्रीय करों में अधिक हिस्सा, जल जीवन मिशन को विस्तार

पर्वतीय राज्य उत्तराखंड को केंद्रीय बजट में उम्मीद के अनुरूप राहत मिली है। केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़कर 15,902 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिससे विकास योजनाओं को गति मिलेगी।

बजट पूर्व सम्मेलन में राज्य सरकार ने साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर फॉर एक्सीलेंस) स्थापित करने का अनुरोध किया था। केंद्रीय बजट में देश में ऐसे पांच राष्ट्रीय केंद्रों की घोषणा की गई है। इसके अलावा, स्कूलों में 50,000 अटल टिकरिंग लैब बनने से भी उत्तराखंड को फायदा मिलेगा।

सरकार का मानना है कि बजट में की गई घोषणाओं से राज्य को विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे। चालू वित्तीय वर्ष में केंद्रीय करों से राज्य को 444 करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे। इसके अलावा, राज्यों के पूंजीगत विकास के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का प्रावधान किया गया है, जो पिछले संशोधित अनुमान से 25,000 करोड़ अधिक है। इस ब्याजमुक्त योजना से उत्तराखंड को भी लाभ मिलेगा।

वित्त मंत्री के अनुरोध पर जल जीवन मिशन योजना की शेष परियोजनाओं को पूरा करने की समय-सीमा 2028 तक बढ़ा दी गई है, जिससे अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अधिक समय मिलेगा।

बजट में 12 लाख रुपये तक की आयकर छूट से राज्य के नौकरीपेशा वर्ग को राहत मिलेगी। सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से नॉलेज इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी, हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा, जबकि होम स्टे, स्टार्टअप और किसानों को भी इस बजट से लाभ मिलने की उम्मीद है।

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