उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में 11 प्रस्ताव मंजूर, गैस पर वैट घटा और कैशलेस स्वास्थ्य अंशदान बढ़ा
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य, ऊर्जा, कर्मचारियों, कृषि, उद्योग और संस्कृति से जुड़े कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के अहम फैसलों में प्राकृतिक गैस पर वैट की दर को 20 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना शामिल है। इस निर्णय से गैस आधारित ईंधन का उपयोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं, परिवहन सेवाओं और उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत और अटल आयुष्मान योजनाओं को पूरी तरह बीमा मॉडल में संचालित करने का निर्णय लिया है। वहीं, गोल्डन कार्ड योजना को हाइब्रिड व्यवस्था में जारी रखा जाएगा। इसके तहत पांच लाख रुपये तक के इलाज का भुगतान बीमा कंपनी करेगी, जबकि इससे अधिक राशि का भुगतान ट्रस्ट मोड से किया जाएगा। बढ़ते चिकित्सा खर्च को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज का मासिक अंशदान लगभग 250 रुपये से बढ़ाकर करीब 450 रुपये कर दिया गया है।
कैबिनेट ने सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग के वर्क-चार्ज कर्मचारियों को पेंशन सुविधा देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। हालांकि, उपनल कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन का मामला कैबिनेट की उपसमिति को सौंपा गया है।
कृषि क्षेत्र में आपदा प्रभावित क्षेत्रों धाराली और आसपास के इलाकों के सेब उत्पादक किसानों के लिए खरीद दरें तय की गईं। रॉयल डिलीशियस सेब 51 रुपये प्रति किलोग्राम और अन्य रेड डिलीशियस किस्में 45 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदी जाएंगी।
व्यवसाय को आसान बनाने के लिए कम जोखिम वाले आवासीय और छोटे व्यावसायिक भवनों के नक्शों को सूचीबद्ध वास्तुकारों के माध्यम से स्वीकृत करने की व्यवस्था को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही एमएसएमई और औद्योगिक इकाइयों के लिए ग्राउंड कवरेज की सीमा बढ़ाई गई है।
कैबिनेट ने बांस एवं फाइबर विकास परिषद की संरचना में बदलाव को भी मंजूरी दी, जिसके तहत तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएगी। सांस्कृतिक क्षेत्र में कलाकारों और लेखकों की मासिक पेंशन तीन हजार रुपये से बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दी गई है।
चिकित्सा शिक्षा से जुड़े फैसलों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 50 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर संस्थान के लिए चार नए पदों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा दूरस्थ और अति-दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया गया है, जिससे करीब 300 डॉक्टरों को लाभ मिलेगा।



