उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024: जानें चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024: जानें चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस वर्ष भी भक्तों की भारी भीड़ के बीच चल रही है। इसके अंतर्गत श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर 2024 को रात्रि 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम में आयोजित विशेष पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने की तिथि तय की गई थी। इस मौके पर सैकड़ों तीर्थयात्री और श्रद्धालु मंदिर परिसर में उपस्थित थे। इस यात्रा वर्ष, लगभग 11 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम में दर्शन किए। वहीं, श्री केदारनाथ धाम में 13.5 लाख से अधिक भक्त पहुंचे। अब तक कुल 38 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा में भाग लिया है, जो इस वर्ष यात्रा के सफल आयोजन को दर्शाता है।

कपाट बंद होने की तिथियां:

  • श्री बदरीनाथ धाम: कपाट बंद 17 नवंबर 2024, रात्रि 9:07 बजे।
  • श्री केदारनाथ धाम: कपाट बंद 3 नवंबर 2024, सुबह 8:30 बजे।
  • श्री यमुनोत्री धाम: कपाट बंद 3 नवंबर 2024, दोपहर 12:03 बजे।
  • श्री गंगोत्री धाम: कपाट बंद 2 नवंबर 2024, दोपहर 12:04 बजे।
  • मद्महेश्वर धाम: कपाट बंद 20 नवंबर 2024।
  • तुंगनाथ मंदिर: कपाट बंद 4 नवंबर 2024।

श्री केदारनाथ धाम यात्रा का समापन:

श्री केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के बाद भैया दूज के दिन, यानी 3 नवंबर 2024 को सुबह 8:30 बजे बंद हो जाएंगे। इसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर, और फिर 5 नवंबर को उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकाल के लिए विराजमान होगी। यहीं भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा होगी।

श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी की डोली 18 नवंबर को पांडुकेश्वर के योग बदरी मंदिर पहुंचेगी, जहां ये शीतकालीन प्रवास करेंगे। वहीं, श्री शंकराचार्य की गद्दी 19 नवंबर को जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में स्थापित होगी।

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बीकेटीसी (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस वर्ष की सफल यात्रा के लिए सभी तीर्थयात्रियों, स्थानीय प्रशासन, और सरकार के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में इस वर्ष यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गईं।

इस अवसर पर, मंदिर समिति द्वारा यात्रा वर्ष 2025 की तैयारियों के लिए भंडार व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। इसमें भंडारी, कमदी, मेहता, और अन्य पारंपरिक हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गई, जो शीतकालीन पूजाओं और यात्रा की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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