देहरादून में बनेगा साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, IIT रुड़की के साथ करार

देहरादून में बनेगा साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, IIT रुड़की के साथ करार

उत्तराखंड में साइबर अपराधों से निपटने और शोध को बढ़ावा देने के लिए राजधानी देहरादून के धोरणखास में 30 करोड़ रुपये की लागत से साइबर सिक्योरिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CCoE) की स्थापना की जा रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की नोडल एजेंसी उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को बनाया गया है।

STF ने सेंटर के लिए सात मंजिला भवन का डिजाइन तैयार कर लिया है, और इसके निर्माण व उपकरण खरीद की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की की एक संयुक्त टीम गठित की जाएगी।

IIT रुड़की के साथ करार

साइबर सिक्योरिटी सेंटर को अत्याधुनिक बनाने के लिए IIT रुड़की के साथ समझौता किया गया है। STF ने पहले इस परियोजना के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर इसे विकसित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत IIT रुड़की को इस परियोजना में भागीदार बनाने का प्रस्ताव भेजा गया, जिसे मंजूरी मिल गई है।

अब पुलिस विभाग और IIT रुड़की के इंजीनियरों की संयुक्त टीम इस सेंटर के भवन निर्माण और अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद सुनिश्चित करेगी।

क्या होगी CCoE की खासियत?

STF द्वारा तैयार किए गए डिजाइन के अनुसार, सात मंजिला इस भवन में कई विंग होंगे, जो एक ही छत के नीचे काम करेंगे। इसमें विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों के लिए अलग-अलग केबिन, साइबर अपराधों की जांच और अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक लैब, कॉन्फ्रेंस रूम और एंटी नार्को टास्क फोर्स के कार्यालय शामिल होंगे।

साथ ही, सेंटर में साइबर हमलों से बचाव के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाते हैं, ऐसे में पुलिस को उनसे दो कदम आगे रखने के लिए सेंटर में शोध भी किया जाएगा।

साइबर अपराधियों का डेटा होगा तैयार

सरकार STF, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और मजबूत करने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है। साथ ही, साइबर अपराधियों और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का डेटा तकनीकी रूप से तैयार किया जाएगा, जिससे बड़े साइबर हमले या आपराधिक घटनाओं की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

उत्तराखंड को क्या मिलेगा फायदा?

CCoE की स्थापना से राज्य में साइबर अपराधों से निपटने की क्षमता बढ़ेगी। अब तक पुलिस को किसी वेबसाइट को बंद कराने या किसी साइबर अपराधी का आपराधिक इतिहास देखने के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था।

इसके अलावा, पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग के लिए दूसरे राज्यों में भेजा जाता था, लेकिन अब यह सुविधा राज्य में ही उपलब्ध होगी। जिला स्तर पर बने साइबर सेल को भी इस सेंटर से और मजबूत किया जाएगा, जिससे राज्य में साइबर सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

Saurabh Negi

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