उत्तराखंड में बिना पंजीकरण डॉक्टरों पर लगेगी सख्त रोक, स्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश

उत्तराखंड में बिना पंजीकरण डॉक्टरों पर लगेगी सख्त रोक, स्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश

देहरादून, 11 जुलाई — उत्तराखंड में अब कोई भी डॉक्टर बिना वैध पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी करते हुए राज्यभर के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी चिकित्सक अवैध रूप से सेवा न दे रहा हो।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यह निर्णय नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 के तहत लिया गया है। इस कानून के अनुसार केवल वही चिकित्सक चिकित्सा सेवा दे सकते हैं जो वैध रूप से रजिस्टर्ड हों। उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिससे आम जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ था।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह कदम महज औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का एक मजबूत प्रयास है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सेवा से हटाना भी शामिल है।

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सरकार ने डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को भी सरल और पूरी तरह ऑनलाइन बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि डॉक्टरों को वैध पंजीकरण में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके साथ ही चिकित्सा परिषद को भी कहा गया है कि डॉक्टरों की अद्यतन सूची जिलों को भेजी जाए और बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वालों की सूची सार्वजनिक की जाए।

इस अभियान की साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी, ताकि इसकी निगरानी सुनिश्चित की जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी मरीज को अब अपंजीकृत डॉक्टर के पास इलाज के लिए नहीं भेजा जाएगा। सभी सरकारी और निजी संस्थानों को इस आदेश का अनुपालन अनिवार्य रूप से करना होगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि “यह निर्णय जनता के विश्वास को मज़बूत करेगा और प्रदेश में प्रमाणिक इलाज की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।”

 

Saurabh Negi

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