अब बिजली चोरों की खैर नहीं? नोटिस और एफआइआर की होगी कार्रवाई
उत्तराखंड में बिजली चोरी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए ऊर्जा निगम ने बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। प्रदेश भर में सतर्कता इकाई द्वारा पुलिस बल के साथ छापेमारी की जाएगी। दोषपूर्ण कनेक्शनों, आवंटित भार से अधिक विद्युत खपत, और बड़े डिफाल्टरों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर पर डिफाल्टरों की सूची तैयार कर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि धारा-135 के तहत विद्युत चोरी के मामलों में कनेक्शन काटने और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया तेज की गई है। त्रुटिपूर्ण कनेक्शनों और अन्य अनियमितताओं के मामलों में भी जुर्माना वसूला जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के अक्टूबर तक सतर्कता इकाई ने 2934 कनेक्शनों की जांच की, जिसमें 1870 मामलों में कार्रवाई हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 28% अधिक है।
आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिससे बिजली चोरी पर रोक लगेगी और आपूर्ति भी बेहतर होगी। उपभोक्ताओं को 1912 हेल्पलाइन पर बिजली चोरी की सूचना देने की सुविधा दी गई है, जिसमें उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
इस वर्ष विद्युत चोरी के आंकड़े
2024 के अप्रैल से अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार:
- कुल जांचे गए कनेक्शन: 2934
- पकड़े गए मामले: 1870
- पकड़ा गया विद्युत भार (किलोवाट): 2902
विद्युत चोरी के मामले का माहवार विवरण :
माह | जांचे गए कनेक्शन | पकड़े गए मामले | पकड़ा गया भार (किलोवाट) |
---|---|---|---|
अप्रैल | 320 | 201 | 263 |
मई | 474 | 327 | 483 |
जून | 449 | 299 | 569 |
जुलाई | 432 | 235 | 338 |
अगस्त | 429 | 284 | 491 |
सितंबर | 413 | 229 | 307 |
अक्टूबर | 417 | 295 | 451 |