ऊर्जा निगमों में भ्रष्टाचार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे विकेश नेगी

ऊर्जा निगमों में भ्रष्टाचार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे विकेश नेगी

उत्तराखंड के ऊर्जा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है। उन्होंने राज्य के तीन प्रमुख ऊर्जा निगमों—उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल), उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल), और पिटकुल—में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

सेवा विस्तार पर सवाल

नेगी ने यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव, यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल और डायरेक्टर प्रोजेक्ट सुरेंद्र चंद्र बलूनी को सेवानिवृत्ति के बाद दिए गए सेवा विस्तार को नियमों के खिलाफ बताया। उन्होंने पूछा कि किन मानदंडों के आधार पर इन अधिकारियों को दो-दो साल का सेवा विस्तार दिया गया है। नेगी का कहना है कि ऐसे फैसले न केवल योग्य अधिकारियों को उनका हक पाने से रोकते हैं, बल्कि भ्रष्टाचार और चाटुकारिता को भी बढ़ावा देते हैं।

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पिटकुल विवाद: प्रवीण टंडन का मामला

पिटकुल के महाप्रबंधक (विधि) प्रवीण टंडन द्वारा प्रभारी प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी को हटाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। नेगी ने बताया कि टंडन को 2023 में निलंबित कर दिया गया था। उन पर वैधानिक कार्यों में लापरवाही, अनुशासनहीनता, और आर्थिक नुकसान की आशंका जैसे गंभीर आरोप हैं।

हालांकि, टंडन ने अदालत में शरण लेकर अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई पर सवाल उठाया है। नेगी ने आशंका जताई कि कहीं यह दबाव बनाने की रणनीति तो नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर सच्चाई जनता के सामने लानी चाहिए।

आरटीआई से खुलासा: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कहा कि तीनों ऊर्जा निगमों में आरटीआई से कई गंभीर मामले सामने आए हैं। इसमें 2001 और 2003 में हुई नियुक्तियों में अनियमितताओं और टेंडर घोटालों के आरोप शामिल हैं। उन्होंने पिटकुल में 26 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले की जांच न होने पर भी सवाल उठाया।

नेगी ने कहा कि कई अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप हैं, लेकिन सरकार ने विजिलेंस जांच का आदेश नहीं दिया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि छोटे-छोटे मामलों में विजिलेंस जांच कराई जाती है, लेकिन बड़े घोटाले जानबूझकर नजरअंदाज किए जा रहे हैं। विकेश  नेगी ने राज्य में लोकायुक्त के गठन को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रभावी कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करती है, लेकिन लोकायुक्त के गठन को लेकर गंभीर नहीं है। नेगी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठाती, तो वह इस मामले को भी हाईकोर्ट में ले जाएंगे।

विकेश  नेगी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ऊर्जा निगमों में भ्रष्टाचार के मामलों पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इन निगमों का प्रभार है, लेकिन भ्रष्टाचार रोकने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने विजिलेंस जांच और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की।

 

Saurabh Negi

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