प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त कार्रवाई: उत्तराखंड में एफ.डी.ए. की छापेमारी

प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त कार्रवाई: उत्तराखंड में एफ.डी.ए. की छापेमारी

देहरादून – बच्चों की दवाओं में बरती जा रही लापरवाही पर अब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए राज्यभर में कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) की टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, अस्पतालों और थोक विक्रेताओं पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। केंद्र सरकार की एडवाइजरी लागू कर दी गई है, जिसके तहत दोषपूर्ण या हानिकारक दवाओं को तुरंत बाजार से हटाने के आदेश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त (एफ.डी.ए.) डॉ. आर. राजेश कुमार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता। औषधि निरीक्षकों को सिरपों के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजने को कहा गया है। उन्होंने डॉक्टरों से भी अपील की कि वे प्रतिबंधित कफ सिरप बच्चों को न लिखें, क्योंकि जब तक डॉक्टर इन्हें लिखना बंद नहीं करेंगे, मेडिकल स्टोर इन्हें बेचते रहेंगे।

भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार — दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी खांसी या जुकाम की दवा न दी जाए। पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है। सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाले सिरप को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।

एफ.डी.ए. अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में प्रदेशभर में सैंपलिंग और छापेमारी अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित कंपनी या विक्रेता के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं होगा। “हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो,” उन्होंने कहा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी चेतावनी दी कि प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री या पर्चे में लिखने पर कार्रवाई की जाएगी। “बच्चों की दवाओं में लापरवाही अस्वीकार्य है,” उन्होंने कहा।

जनता से अपील की गई है कि डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को कोई दवा न दें और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें।

Saurabh Negi

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