उत्तराखंड में क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के प्रोडक्शन को मिलेगी 50% सब्सिडी
उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, कला, और फिल्मों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दून विश्वविद्यालय में आयोजित प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के विशेष सत्र में राज्य के सांस्कृतिक और फिल्मी विकास पर चर्चा की गई। उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के सीईओ और सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने इस मौके पर उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार की ओर से की जा रही पहलों पर प्रकाश डाला।
तिवारी ने बताया कि हाल ही में जारी की गई उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के निर्माण में 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी या अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। हिंदी और अन्य 8वीं अनुसूची की भाषाओं की फिल्मों के लिए यह अनुदान 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक सीमित है। इस नीति के तहत शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, ओटीटी और वेबसीरीज भी सब्सिडी प्राप्त कर सकेंगी, जिससे नए कंटेंट निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, राज्य में फिल्म सिटी और फिल्म संस्थान की स्थापना के लिए भी अनुदान की व्यवस्था की गई है।
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सम्मेलन में उत्तराखंड के विविध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर वाले स्थानों जैसे आदि कैलाश, माणा, मलारी, रामणी, चकराता और जागेश्वर का उल्लेख किया गया, जो फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल स्थल माने जाते हैं। तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की क्षेत्रीय भाषा में बनी फिल्में राज्य की सभ्यता, त्योहारों और पौराणिक मेलों जैसे फूलदेई को संजोकर रखने में मददगार साबित होंगी।