मरीज को डंडे में बांधकर 15 किमी पैदल लाने को मजबूर हुए ग्रामीण, सरकार से उठ रहा है भरोसा
उत्तराखंड के मंच तल्लादेश के बकोड़ा ग्राम पंचायत की में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। दीपावली की खुशियों के बीच एक बीमार मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को उसे डंडे में बांधकर 15 किमी तक पथरीले और खड़ी रास्तों पर ले जाना पड़ा। अस्पताल पहुंचाने में चार घंटे से अधिक का समय लगा, जो हमारी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है।
गुरुवार शाम 50 वर्षीय तेज सिंह को पेट में अचानक तेज दर्द हुआ, और उन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी। लेकिन सड़क और स्वास्थ्य केंद्रों के अभाव में ग्रामीणों ने खुद ही उनकी जान बचाने का जिम्मा लिया। पड़ोसियों और स्थानीय युवाओं ने मरीज को डंडे में बांधकर पथरीले रास्तों पर खींचते हुए मुख्य मार्ग तक लाया, जहां से एंबुलेंस द्वारा उन्हें जिला मुख्यालय तक पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की आंत में छेद है, और समय पर ऑपरेशन न होने की स्थिति में उनकी जान खतरे में थी।
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यह घटना उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की भयावह स्थिति को उजागर करती है। ग्राम पंचायत प्रधान महेंद्र रावत का कहना है कि ग्रामीण अब सरकार पर से भरोसा खो चुके हैं, क्योंकि सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग वर्षों से अनसुनी की गई है। दिनेश बोहरा, बीडीसी सदस्य ने बताया कि इस मसले पर मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक कुछ नहीं हुआ है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तराखंड के ग्रामीण उत्तराखंड बनने के २४ साल बाद भी अपने अधिकारों और बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और सरकार की लापरवाही ने उन्हें अपने ही गांवों में असुरक्षित और असहाय छोड़ दिया है।