उत्तराखंड: भारी बारिश से चमोली में जनजीवन अस्त-व्यस्त, केदारनाथ यात्रा रोकी गई, 50 सड़कें बंद

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। चमोली जनपद सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है, जहां बदरीनाथ हाईवे सहित कई मार्गों पर भूस्खलन हुआ है। प्रशासन ने सरकारी और अर्धसरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है, वहीं केदारनाथ यात्रा भी सुरक्षा कारणों से स्थगित कर दी गई है।
चमोली जिले के उमट्टा में बदरीनाथ हाईवे पर भारी मलबा आ गया है, जिससे यातायात प्रभावित है। वहीं ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 66 केवी की विद्युत लाइन में फॉल्ट आने के कारण रात से बिजली आपूर्ति ठप है। पिटकुल की टीमें फॉल्ट को खोजने और दुरुस्त करने में जुटी हैं। नंदप्रयाग के पर्थाडीप में हाईवे एक घंटे तक बाधित रहा, जिसे बाद में खोल दिया गया। उमट्टा में मलबा हटाने का कार्य अब भी जारी है।
भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्रियों को रोक दिया है। सुरक्षा के लिहाज से यात्रा को फिलहाल स्थगित रखा गया है।
प्रदेशभर में 50 सड़कें बंद, दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी प्रभावित
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक बारिश के कारण पूरे प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 50 से अधिक सड़कें बंद हैं:
- विकासनगर-कालसी-बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग लखवाड़ बैंड के पास बंद।
- ऋषिकेश-यमुनोत्री हाईवे उत्तरकाशी के औजरी में बंद।
- नैनीताल जिले में काठगोदाम-हैड़ाखान मार्ग बाधित।
- चमोली में 13, पिथौरागढ़ में 7, बागेश्वर में 4, पौड़ी में 3 और टिहरी में 2 ग्रामीण सड़कें मलबे के कारण बंद हैं।
आपदा से अब तक 143 भवनों को नुकसान
राज्य में 1 जून के बाद से 143 भवन आपदा से प्रभावित हुए हैं। इनमें से:
- 133 को आंशिक नुकसान
- 8 को गंभीर नुकसान
- 2 भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं
इसके अलावा, अब तक 21 लोगों की मौत, 11 घायल, और 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं।