उत्तराखंड में बनेंगी तीन नई जेलें, सितारगंज सेंट्रल जेल का होगा विस्तार, जेलों की ओवरक्राउडिंग कम करने की दिशा में कदम

उत्तराखंड में बनेंगी तीन नई जेलें, सितारगंज सेंट्रल जेल का होगा विस्तार, जेलों की ओवरक्राउडिंग कम करने की दिशा में कदम

देहरादून, 6 अप्रैल 2025: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की जेलों में लगातार बढ़ती कैदियों की संख्या को देखते हुए तीन नई जेलों के निर्माण और सितारगंज सेंट्रल जेल के विस्तार को मंजूरी दे दी है। चंपावत, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में नई जेलों का निर्माण जल्द शुरू होगा। साथ ही, सितारगंज सेंट्रल जेल में 300 अतिरिक्त कैदियों के लिए बैरक आदि का निर्माण किया जाएगा।

राज्य में इस समय कुल 11 जेलें हैं, जिनमें 3541 कैदियों की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में इनमें 5521 कैदी बंद हैं—जो क्षमता से लगभग डेढ़ गुना अधिक हैं। इनमें से 3307 विचाराधीन और 2259 सजायाफ्ता कैदी हैं। पिछले वर्ष आई इंडिया जस्टिस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड की जेलें देश में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाली पाई गई थीं।

गृह सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि उत्तरकाशी में जेल निर्माण के लिए अब भूमि उपलब्ध हो चुकी है। चंपावत और पिथौरागढ़ के प्रस्तावों को भी मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल चुकी है। सितारगंज सेंट्रल जेल की वर्तमान क्षमता 552 कैदियों की है, जिसे 300 और बढ़ाया जाएगा।

तीन जिलों में बढ़ेगी आवासीय सुविधा
जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। प्रथम चरण में देहरादून (सुद्धोवाला), हरिद्वार और अल्मोड़ा जेलों में आवासीय भवनों का निर्माण किया जाएगा। इन कार्यों के लिए पिछला बजट वर्ष में ही राशि स्वीकृत हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।

मुख्य जेलों की स्थिति (क्षमता बनाम वर्तमान कैदी संख्या):

उत्तराखंड की अधिकांश जेलें वर्तमान में अपनी निर्धारित क्षमता से कहीं अधिक कैदियों को रख रही हैं। नीचे प्रमुख जेलों की स्थिति दी गई है:

  • देहरादून जेल: निर्धारित क्षमता 580 कैदियों की है, जबकि वर्तमान में 1122 कैदी बंद हैं।

  • हल्द्वानी जेल: 635 कैदियों की क्षमता है, लेकिन यहां 1188 कैदी बंद हैं।

  • सेंट्रल जेल सितारगंज: इसकी क्षमता 552 कैदियों की है, मगर 860 कैदी वर्तमान में यहां बंद हैं।

  • हरिद्वार जेल: 888 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में फिलहाल 1120 कैदी हैं।

  • अल्मोड़ा जेल: निर्धारित क्षमता 102 है, जबकि यहां 291 कैदी बंद हैं।

  • नैनीताल जेल: 71 की क्षमता वाली जेल में 143 कैदी बंद हैं।

  • टिहरी जेल: 150 की क्षमता के मुकाबले 198 कैदी बंद हैं।

  • रुड़की जेल: 244 की क्षमता है और 319 कैदी वर्तमान में यहां हैं।

  • पौड़ी जेल: 150 की क्षमता के मुकाबले यहां 160 कैदी हैं।

इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड के 13 जिलों में खेल विकास और शांति के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर युवा जोश के साथ आयोजन

जहां क्षमता से कम कैदी हैं:

  • खुली जेल सितारगंज: 300 कैदियों की क्षमता के मुकाबले सिर्फ 45 सजायाफ्ता कैदी यहां बंद हैं।

  • चमोली जेल: 169 की क्षमता वाली जेल में फिलहाल 120 कैदी बंद हैं।

सरकार के इन प्रयासों का उद्देश्य राज्य की जेलों में ओवरक्राउडिंग को कम करना, बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और जेल कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देना है।

Saurabh Negi

Share