शौर्य और सम्मान के नामों पर राजनीति? खेल परिसरों के नाम बदलने पर गरमाई सियासत

शौर्य और सम्मान के नामों पर राजनीति? खेल परिसरों के नाम बदलने पर गरमाई सियासत

उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के प्रमुख खेल परिसरों के नाम बदलने के निर्णय पर तीखी सियासी प्रतिक्रिया सामने आई है। देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर और हरिद्वार के स्टेडियमों को नए नाम देने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने इसे “विकास की बजाय दिखावा” बताया है।

सरकार ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम जैसे प्रतिष्ठित नामों को बदलकर क्रमशः ‘रजत जयंती’, ‘मानसखंड’, ‘शिवालिक’ और ‘योगस्थली खेल परिसर’ कर दिया है।

कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने इस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “नाम बदलने से खिलाड़ियों को कोचिंग नहीं मिलती, न ही मैदानों में सुविधाएं आती हैं। ये फैसला इतिहास, शौर्य और बलिदान का अपमान है।”

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उन्होंने सरकार से तीन मांगें रखीं:

  1. नाम बदलने का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए।
  2. खिलाड़ियों को कोचिंग, संसाधन और सम्मान मिले।
  3. खेल को राजनीतिक प्रयोगशाला न बनाया जाए।

विकास नेगी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह निर्णय नहीं बदला, तो कांग्रेस प्रदेशभर में खेल मंत्री और मुख्यमंत्री का घेराव करेगी। उनका कहना था, “अगर नाम ही सब कुछ है, तो काम कौन करेगा?”

Saurabh Negi

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