उत्तराखंड को कृषि योजनाओं के लिए केंद्र से 3800 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी, मुख्यमंत्री धामी ने की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात

नई दिल्ली, 8 जुलाई — उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट की। इस दौरान राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई लगभग 3800 करोड़ रुपये की कृषि और बागवानी विकास योजनाओं को केंद्र की ओर से सैद्धांतिक सहमति मिल गई है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता और पर्वतीय क्षेत्रों की विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की हैं। इनमें यंत्रीकरण, नवाचार, पारंपरिक खेती को प्रोत्साहन, स्टार्टअप्स, बीज उत्पादन, एग्रो टूरिज्म, जैविक प्रयोगशालाएं और ड्रैगन फ्रूट जैसी कम जोखिम वाली फसलों का संवर्धन शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए कृषि बाड़ निर्माण हेतु ₹1052.80 करोड़, और लघु व सीमांत किसानों को सशक्त करने के लिए 10,000 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना हेतु ₹400 करोड़ की आवश्यकता है। इसी प्रकार स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत ₹134.89 करोड़, बीज उत्पादन के लिए ₹5 करोड़ और सेब भंडारण एवं विपणन ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु ₹1150 करोड़ की योजनाएं प्रस्तावित हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि कीवी और ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए क्रमशः ₹894 करोड़ और ₹42 करोड़ की योजनाएं भी प्रस्तावित की गई हैं। नवाचार व स्टार्टअप्स के लिए ₹885.10 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। वहीं, जैविक खेती को समर्थन देने हेतु विश्लेषण प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए ₹36.50 करोड़ और डिजिटल भूमि सर्वेक्षण हेतु ₹378.50 करोड़ की योजनाएं भी तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय में एग्रो टूरिज्म स्कूल और युवाओं को कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए ₹14 करोड़ के दो अलग-अलग प्रस्ताव भी केंद्र के समक्ष रखे। इसके अलावा भरसार विश्वविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी लैब के लिए ₹16.11 करोड़ की योजना की भी मांग की गई।
बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के शेष कार्यों की समय सीमा बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी। साथ ही, पीएमजीएसवाई फेज-4 के प्रस्ताव को भी जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में भारत सरकार के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, ग्रामीण विकास सचिव सैलेश कुमार सिंह तथा उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी मौजूद रहे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के किसानों की समृद्धि और राज्य के कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता पर लेकर हरसंभव सहयोग करेगी।